प्लास्टिक सर्जरी से चेहरा बदलकर भारतीय बन गईं उज्बेकिस्तानी महिलाएं, लखनऊ में बसाया घर, जानें कैसे खुली पोल?

    उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो उज्बेकिस्तानी महिलाएं अपनी असली पहचान छिपाकर भारत में अवैध रूप से रह रही थीं. इन दोनों ने प्लास्टिक सर्जरी कराई थी ताकि वे भारतीय मूल की लगें और आसानी से किसी को शक न हो.

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    Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो उज्बेकिस्तानी महिलाएं अपनी असली पहचान छिपाकर भारत में अवैध रूप से रह रही थीं. इन दोनों ने प्लास्टिक सर्जरी कराई थी ताकि वे भारतीय मूल की लगें और आसानी से किसी को शक न हो. अब पुलिस और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की कार्रवाई के बाद इस पूरे अंतरराष्ट्रीय रैकेट का खुलासा हुआ है.

    कैसे पकड़ी गईं विदेशी महिलाएं?

    FRRO को सूचना मिली थी कि लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी के न्यू हजरतगंज स्थित फ्लैट नम्बर 527 में दो विदेशी महिलाएं रह रही हैं, जिनका कोई पंजीकरण नहीं हुआ है. सूचना के आधार पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की. पूछताछ में दोनों महिलाओं ने खुद को उज्बेकिस्तान की नागरिक बताया और नाम हेलिडा व नीलोफर बताया.

    प्लास्टिक सर्जरी से बदली शक्ल

    महिलाओं ने बताया कि उनके पासपोर्ट और वीजा दो साल पहले खो गए थे. इसके बाद उज्बेकिस्तान की एक महिला लोला कायुमोवा की मदद से उन्होंने भारत में अवैध तरीके से रहने की योजना बनाई. लोला ने ही लखनऊ में एक प्लास्टिक सर्जन से मिलवाया, जिसने दोनों की सर्जरी कर उनकी शक्ल पूरी तरह बदल दी. इसका मकसद था किसी को उनकी असल पहचान का अंदाज़ा न हो.

    जाल बिछाने में स्थानीय मददगार भी शामिल

    इस रैकेट में लखनऊ निवासी त्रिजिन राज उर्फ अर्जुन राणा की भी भूमिका सामने आई है. उसी ने इन महिलाओं को फ्लैट दिलवाने में मदद की. फिलहाल पुलिस अर्जुन राणा और उस प्लास्टिक सर्जन की तलाश कर रही है जिसने यह अवैध सर्जरी की थी.

    गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

    पुलिस ने विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है. साथ ही ये भी जांच की जा रही है कि इन महिलाओं का भारत में रहने का असली मकसद क्या था – क्या इसके पीछे कोई बड़ा आपराधिक नेटवर्क तो नहीं?

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