देशभर में कोरोना संक्रमण दोबारा रफ्तार पकड़ रहा है, वहीं राजधानी दिल्ली एक और स्वास्थ्य संकट की चपेट में आती दिख रही है. कोरोना के डर से अभी लोग उबर भी नहीं पाए हैं कि डेंगू ने दबे पांव शहर में एंट्री मार ली है. हाल की बारिश और उसके बाद जमा हुआ पानी अब मच्छरों के लिए स्वर्ग बन चुका है — और लोगों के लिए एक नई चिंता.
डेंगू के मामले फिर से बढ़ने लगे
दिल्ली नगर निगम (MCD) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, 1 जनवरी से 24 मई 2024 के बीच डेंगू के 175 मामले सामने आए. वहीं, इस साल में अब तक 160 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. यह आंकड़ा पिछले पांच वर्षों में दूसरे स्थान पर है, जो बताता है कि खतरा अब केवल काल्पनिक नहीं है, बल्कि दरवाज़े पर खड़ा है.
दिल्ली में हाल ही में हुई भारी बारिश ने जहां एक ओर गर्मी से राहत दी, वहीं दूसरी ओर जलभराव ने मच्छरों को पनपने का भरपूर मौका दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, 24,480 संभावित प्रजनन स्थलों में से 4,331 जगहों पर मच्छरों का विकास पाया गया — यानी लगभग 15.5% स्थलों पर खतरे की पुष्टि हो चुकी है.
निगम की सख्त कार्रवाई
दिल्ली नगर निगम ने डेंगू को रोकने के लिए बड़ी संख्या में कार्रवाई की है:
यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय हैं, लेकिन सवाल ये है कि क्या ये काफ़ी हैं?
मानसून से पहले तैयारी आधी अधूरी
दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने सभी ज़ोनल डिप्टी कमिश्नर्स के साथ समीक्षा बैठक की और साफ निर्देश दिए:
लेकिन, चिंता की बात यह है कि 31 मई की डेडलाइन तक केवल 43% नालों की सफाई ही पूरी हो पाई है. यानी मानसून से पहले ही डेंगू के फैलाव की ज़मीन तैयार हो चुकी है.
क्या करें आप? सावधानी ही बचाव है
इस वक्त जब कोरोना फिर से डराने लगा है और डेंगू भी दस्तक दे चुका है, तो अपनी सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी कदम ज़रूर उठाएं:
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