Bihar Lightning Havoc: बिहार में एक बार फिर आकाशीय बिजली ने जानलेवा रूप ले लिया है. बीते 24 घंटों के भीतर राज्य के 6 जिलों में वज्रपात की घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई है. सबसे ज़्यादा मौतें बक्सर जिले में दर्ज की गई हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दुखद घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान देने का निर्देश जारी किया है.
वज्रपात ने किन जिलों में कहर बरपाया?
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बक्सर में बिजली गिरने से 4 मौतें हुई हैं. पश्चिम चंपारण में 3 लोगों की मौत हुई है. वहीं कटिहार में 2 लोगों ने जान गंवाई है. कैमूर, लखीसराय और सीतामढ़ी में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है. हर साल बारिश के मौसम में बिजली गिरने की घटनाएं बिहार के लिए त्रासदी बन चुकी हैं.
अप्रैल में भी गिरी थी कहर बनकर बिजली
गौरतलब है कि अप्रैल 2025 में ही राज्य में वज्रपात से 90 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी थी. अकेले नालंदा जिले में 23 मौतें दर्ज की गई थीं. इसके अलावा कई जगहों पर खेतों, पशुओं और कच्चे मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा था.
जानिए क्यों गिरती है आकाशीय बिजली?
आकाशीय बिजली कोई सामान्य घटना नहीं है, यह मौसम के भीतर छिपा प्राकृतिक विद्युत विस्फोट है. जब बादलों में बर्फ के टुकड़े और पानी की बूंदें आपस में टकराते हैं, तो उनमें इलेक्ट्रिक चार्ज उत्पन्न होता है. ऊपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज वाला होता है. निचला हिस्सा नेगेटिव चार्ज वाला होता है. जबकि ज़मीन में पॉजिटिव चार्ज होता है. जब यह चार्ज संतुलन खो देता है, तो बादल से ज़मीन तक एक तेज़ इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है, जिसे हम आकाशीय बिजली या वज्रपात कहते हैं.
बिजली से कैसे बचें?
सरकार और मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर वज्रपात से बचाव के लिए चेतावनियाँ जारी की जाती हैं. ऐसे में बिजली चमकने पर खुले मैदान या ऊंची जगहों से दूर रहें. पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों. मोबाइल या धातु के उपकरणों का प्रयोग न करें. घर में रहकर सुरक्षा अपनाएं.
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