नई दिल्ली: दिल्ली में सिनेमा हॉल और थिएटर खोलने की प्रक्रिया अब और भी सरल हो गई है. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने हाल ही में एक अहम आदेश जारी किया है, जिसके तहत सिनेमा हॉल और थिएटर के लाइसेंस जारी करने का अधिकार दिल्ली पुलिस से लेकर अब दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग को सौंपा गया है. यह कदम 'मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस' और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की नीति के तहत लिया गया है, ताकि लाइसेंसिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया जा सके.
आदेश का महत्व
अब तक सिनेमा हॉल संचालन के लिए लाइसेंस जारी करने का कार्य दिल्ली पुलिस के पास था, लेकिन 2015 में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें यह जिम्मेदारी राजस्व विभाग को देने की बात कही गई थी. इसके बावजूद पुलिस विभाग इस कार्य को जारी रखे हुए था, जिससे अक्सर भ्रम और देरी होती थी. उपराज्यपाल के इस नए आदेश के तहत अब यह जिम्मेदारी पूरी तरह से दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के डिप्टी कमिश्नर को सौंप दी गई है.
क्या बदलेगा अब?
नए आदेश के अनुसार, सिनेमा हॉल या थिएटर का लाइसेंस अब दिल्ली पुलिस से नहीं, बल्कि राजस्व विभाग के डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी किया जाएगा. दिल्ली पुलिस को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे सिनेमाटोग्राफ एक्ट, 1952 के तहत किसी भी प्रकार का लाइसेंस न जारी करें और इस संबंध में दखल न दें. इस बदलाव से लाइसेंसिंग प्रक्रिया अब अधिक केंद्रित, तेज और पारदर्शी हो जाएगी.
क्या है इसका फायदा?
इस बदलाव से सिनेमा हॉल खोलने के इच्छुक व्यापारियों और उद्यमियों को अब कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. पहले जहां पुलिस और राजस्व विभाग के बीच तालमेल की समस्या थी, अब यह जिम्मेदारी एक ही विभाग के पास होने से कार्य की गति तेज होगी. इस कदम से दिल्ली के कारोबारियों को राहत मिलेगी, और सिनेमा हॉल खोलने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी.
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