'हम लद्दाख के लिए थोड़ी उम्मीद चाह रहे', सोनम वांगचुक की हिरासत के बाद सांसद विरोध-प्रदर्शन में शामिल

    सांसद ने कहा- हम पीएम मोदी और अमित शाह से अनुरोध करते हैं कि या तो हमें दिल्ली में एक जगह दें, जहां हम अपना मार्च समाप्त कर सकें और ज्ञापन सौंप सकें. हमारे नेताओं से बात करके मामले को सुलझाया जाए.

    'हम लद्दाख के लिए थोड़ी उम्मीद चाह रहे', सोनम वांगचुक की हिरासत के बाद सांसद विरोध-प्रदर्शन में शामिल
    लद्दाख के लोगों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए सांसद हाजी हनीफा मीडिया से बात करते हुए | Photo- ANI

    नई दिल्ली : कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और अन्य को सोमवार देर रात पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा मंगलवार को दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू सीमा पर पहुंचे.

    एएनआई से बात करते हुए, हनीफा ने कहा कि सभी जानते हैं कि लद्दाख पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार के साथ कैसे बातचीत कर रहा है.

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    हनीफा ने कहा- चुनाव और नई सरकार के बाद बंद की बातचीत

    हनीफा ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि पिछले तीन सालों से हम अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से लड़ रहे हैं. हमने इसके लिए सरकार से बातचीत भी की थी, लेकिन चुनाव और नई सरकार के गठन के बाद उन्होंने बातचीत बंद कर दी. हम कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) और एपेक्स बॉडी के बैनर तले लेह से पैदल निकले और सरकार के सामने अपनी बात रखी. वांगचुक को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिसके बाद हमने सरकार के साथ अपने मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मार्च निकाला. हालांकि, वांगचुक और कई महिलाओं सहित सदस्यों को अलग-अलग इलाकों में हिरासत में लिया गया."

    प्रदर्शनकारी सरकार को अपनी मांगें सौंपना चाहते हैं : लद्दाख के सांसद 

    लद्दाख के सांसद ने कहा कि प्रदर्शनकारी केवल सरकार को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपना चाहते थे. उन्होंने कहा, "हम पीएम मोदी और अमित शाह से अनुरोध करते हैं कि या तो हमें दिल्ली में एक जगह दी जाए, जहां हम अपना मार्च समाप्त कर सकें और ज्ञापन सौंप सकें या फिर हमारे नेताओं से बात करके मामले को सुलझाया जाए. हमने हमेशा देश के लिए जो कुछ भी त्याग करना था, किया है. हम लद्दाख के लिए बस थोड़ी सी उम्मीद करते हैं. पूरा लद्दाख बंद है और अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो वहां भी हालात खराब हो सकते हैं."

    इस बीच, शांतिपूर्ण विरोध कर रहे एक सदस्य ने कहा कि उनके साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने कहा, "यह हमारे साथ घोर अन्याय है. हम छह-सात सीमाएं पार करके यहां आए हैं. हमने कोई कानून-व्यवस्था नहीं तोड़ी है. हममें से लगभग 300 लोगों को बिना किसी कारण के हिरासत में लिया गया है. हम बस शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे हैं."

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