Who Will Be Next PM In Nepal: नेपाल में इन दिनों सिर्फ सड़कों पर हलचल नहीं है, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी एक नई करवट ली जा रही है. तीन दिन की उथल-पुथल के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पद छोड़ना पड़ा है, और फिलहाल देश की बागडोर सेना के हाथों में है. लेकिन यह केवल एक राजनीतिक संकट नहीं, यह एक बदलते युग की दस्तक है.
अब जब अंतरिम सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू हो रही है, तो सवाल सीधा है, नेपाल का अगला नेता कौन होगा? पुराने चेहरे अब थके हुए लगते हैं, और जनता की नज़रें दो ऐसे युवा और "बाहर से आए" नेताओं पर टिकी हैं, जिन्होंने पारंपरिक राजनीति की परिभाषा ही बदल दी, बालेन शाह और रबी लामिछाने.
एक रैपर से क्रांतिकारी नेता तक की कहानी
जहां आमतौर पर नेता राजनीति में कदम रखने से पहले वर्षों तक पार्टियों की सीढ़ियां चढ़ते हैं, वहीं बालेन शाह ने सीधे जनता के दिलों में जगह बनाई. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई भारत से रैप म्यूज़िक के जरिए सामाजिक मुद्दों पर आवाज उठाई, और फिर काठमांडू के मेयर बनकर राजनीति में भूचाल ला दिया.
बिना किसी पार्टी के समर्थन के चुनाव जीतना ही उनकी असाधारण लोकप्रियता का प्रमाण था. उन्होंने पारंपरिक राजनीति को चुनौती देते हुए पारदर्शिता, शहरी सुधार, और पर्यावरण सुरक्षा जैसे मुद्दों पर काम किया. जब वे सरकारी मीटिंग्स को फेसबुक पर लाइव करने लगे, तो युवाओं ने उन्हें ‘हमारा नेता’ कहना शुरू कर दिया. उनकी सोच पारंपरिक नेताओं से बिलकुल अलग है, वे सिस्टम को बदलने की बात करते हैं, सत्ता में समाने की नहीं.
माइक से मंत्रालय तक का सफर
रबी लामिछाने की छवि किसी "हीरो पत्रकार" जैसी रही है. उनका टीवी शो ‘सीधा कुरा जनता संग’ भ्रष्टाचार और अन्याय पर सीधे प्रहार करता था. यही ईमानदारी और जनता से जुड़ाव उन्हें सत्ता के करीब लाया. उन्होंने अपनी पार्टी बनाई, राष्ट्रिय स्वतन्त्र पार्टी (RSP) और डिप्टी पीएम व गृह मंत्री बने. हालांकि, नागरिकता विवाद और सहकारी घोटाले में फंसने से उनकी छवि को झटका लगा, लेकिन युवाओं का भरोसा आज भी बरकरार है. रबी की राजनीतिक शैली "आक्रामक पारदर्शिता" की मिसाल है, सिस्टम से टकराते हुए सिस्टम को बदलने का वादा.
तो कौन बनेगा नेपाल का अगला प्रधानमंत्री?
नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखें, तो जनता पारंपरिक नेताओं से पूरी तरह ऊब चुकी है. जहां एक ओर बालेन शाह में जनता को एक "साफ़-सुथरा और दूरदर्शी" नेतृत्व दिखता है, वहीं रबी लामिछाने में वे "जवाबदेही और सख्त प्रशासन" की उम्मीद रखते हैं. दोनों ही नेता राजनीति में बाहर से आए, लेकिन आज सिस्टम के सबसे करीब हैं.
यह भी पढ़ें- नेपाल आर्मी चीफ करवा सकते हैं युवाओं का गुस्सा शांत, जानें कौन हैं अशोक राज