नई दिल्ली: अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) सनातन धर्म का बहुत ही खास त्योहार है. ये वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को पूरे देशभर में मनाया जाएगा. खास बात यह है कि इस बार खास संयोग बन रहा है. जिसके कारण इस खास हिंदू त्यौहार का महत्व इस बार और ज्यादा बढ़ गया है.
अक्षय तृतीया को घटी कई पौराणिक घटनाएं
अगर अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के महत्व की बात करें तो बता दें कि इस दिन कई सारी पौराणिक घटनाएं घटित हुई थी. दरअसल अक्षय तृतीया के दिन महाभारत युद्ध की समाप्ती हुई थी. त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी दिन हुई थी. साथ ही साथ भगवान परशुराम, नारायण और हयग्रीव का इस दिन अवतार हुआ था. बद्रीनाथ के कपाट भी इसी दिन खुलते हैं. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की शुरुआत 4.17 से होगी और 11 मई को रात 2.50 पर समाप्ती होगी. वहीं इसके पूजा का सबसे उत्तम समय 10 मई को सुबह 5.33 से दोपहर 12.18 तक रहेगा.
फलदायी होता है नए कार्य की शुरुआत करना
बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में तृतीया को कोई कार्य करने से वो काफी फलदायी होता है. यही कारण है कि कई सारे लोग इसी दिन अपने नया कार्य करना चाहते हैं या फिर कोई खरीदारी करना चाहते हैं. सोना-चांदी और आभूषण खरीदने का भी अपना विशेष महत्व होता है. मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष अराधना होती है.
इस बार अक्षय तृतीया पर बन रहा खास संयोग
ज्योतिषियों ने इस बार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) को लेकर दुर्लभ संयोग के बारे में बताया है. जिसके कारण इस दिन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. दरअसल इस इस बार अक्षय तृतीया के दिन शुक्रादित्य योग, गजकेसरी योग, रवि योग, धन योग, शश योग और सुकर्मा योग का निर्माण होगा. शनि शश राजयोग का निर्माण करेंगे. यही कारण है कि 2024 अक्षय तृतिया का महत्व और ज्यादा हो गया है.
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