महाकुंभ 2025 के लिए खड़ेश्वर नागा बाबा प्रयागराज पहुंचे, 5 साल से सिर्फ खड़े हैं, कभी बैठे नही

    13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले के लिए भारत और दुनिया भर से साधु-संतों का प्रयागराज की पवित्र भूमि पर आगमन शुरू हो गया है. ये संत सनातन की रक्षा के लिए महाकुंभ मेले में आये हैं.

    Khadeshwar Naga Baba reached Prayagraj for Mahakumbh 2025 only standing for 5 years never sitting
    खड़ेश्वर नागा बाबा/Photo- ANI

    प्रयागराज (उत्तर प्रदेश): 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले के लिए भारत और दुनिया भर से साधु-संतों का प्रयागराज की पवित्र भूमि पर आगमन शुरू हो गया है. ये संत सनातन की रक्षा के लिए महाकुंभ मेले में आये हैं.

    सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना दाहिना हाथ ऊपर उठाए खड़े राजस्थान के दिगंबर नागा बाबा भी महाकुंभ मेले में प्रयागराज पहुंचे.

    मैं पिछले पांच साल से इसी तरह खड़ा हूं

    दिगंबर नागा बाबा ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैं पिछले पांच साल से इसी तरह खड़ा हूं. मैं यह केवल सनातन धर्म की रक्षा के लिए और अपने देश के भविष्य की सुरक्षा के लिए कर रहा हूं. सनातन धर्म सदैव चलता रहेगा, इसका न तो कोई प्रारंभ है और न ही कोई अंत."

    गुजरात के खड़ेश्वर नागा बाबा पिछले 12 वर्षों से लगातार लोगों के कल्याण के लिए खड़े हैं. उन्होंने खुद को सहारा देने के लिए एक झूला बनाया है.

    तब तक खड़ा रहूंगा जब तक सांसें चलती रहेंगी

    उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, "मैं पहले 12 साल तक खड़ा रहा था. मैंने उस समय के बाद कुछ आराम किया और मैं इस तपस्या के लिए फिर से तैयार हूं. मैं तब तक खड़ा रहूंगा जब तक मेरी सांसें चलती रहेंगी."

    इसके अलावा खड़ेश्वर नागा बाबा ने भावी पीढ़ी से पॉलिथीन का उपयोग बंद करने की अपील की. उन्होंने कहा, "मैं आने वाली पीढ़ियों से केवल पॉलिथीन का उपयोग बंद करने की अपील करता हूं. पॉलिथीन के उपयोग ने दुनिया को बहुत नुकसान पहुंचाया है और अगर हम इसका उपयोग जारी रखते हैं तो यह हमारे स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है."

    आने वाले अन्य संतों में छोटू बाबा शामिल हैं

    इस बीच, प्रयागराज आने वाले अन्य संतों में छोटू बाबा शामिल हैं, जो 32 वर्षों से स्नान न करने के लिए प्रसिद्ध हैं, चाभी वाले बाबा, जो 20 किलोग्राम की चाबी लेकर घूमते हैं, और ई-रिक्शा बाबा, जो दिल्ली से लेकर प्रयागराज तक की पूरी यात्रा की.

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