'जब तक द्रविड़ थे तब तक सब कुछ ठीक था लेकिन अचानक...', भारतीय टीम के प्रदर्शन पर बोले हरभजन सिंह

    पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह का मानना ​​है कि यह भारत के लिए स्टार संस्कृति से आगे बढ़ने का समय है और उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में टी20 विश्व कप की सफलता के बाद टीम के अचानक पतन पर सवाल उठाए.

    Till the time Dravid was there everything was fine but suddenly Harbhajan Singh said on Indias recent form
    हरभजन सिंह/Photo- ANI

    नई दिल्ली: पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह का मानना ​​है कि यह भारत के लिए स्टार संस्कृति से आगे बढ़ने का समय है और उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में टी20 विश्व कप की सफलता के बाद टीम के अचानक पतन पर सवाल उठाए.

    ऐसा लगता है कि आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म होने के बाद से भारतीय टीम के लिए सब कुछ बिखर गया है, जब पिछले साल रोहित शर्मा ने भारत को बारबाडोस में टी20 विश्व कप का गौरव दिलाया था.

    भारत ने टी20 में अपना दबदबा बरकरार रखा

    राहुल द्रविड़ और उनके स्टाफ ने गौतम गंभीर और उनके शासन के लिए अनुबंध समाप्त होने के बाद भारतीय टीम को आगे ले जाने का रास्ता बनाया. भारत ने टी20ई प्रारूप में अपना दबदबा बरकरार रखा लेकिन वनडे और टेस्ट प्रारूप में अपना आकर्षण खो दिया.

    श्रीलंका में एकदिवसीय श्रृंखला में 2-0 से ऐतिहासिक हार झेलने के बाद, भारत ने बांग्लादेश पर 2-0 से टेस्ट श्रृंखला में सफाया करके वापसी की. हालाँकि, भारत को लाल गेंद वाले क्रिकेट में निरंतरता बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.

    आठ टेस्ट में भारत की छह हार और एक जीत

    पिछले आठ टेस्ट में भारत ने छह हारे, एक ड्रा खेला और एक जीता. भारत के पिछले संघर्षों में न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐतिहासिक घरेलू टेस्ट श्रृंखला में सफाया झेलना भी शामिल है.

    भारत की उथल-पुथल सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं है; यह क्रीज पर घटित होने वाली घटनाओं के दायरे से परे चला जाता है. चूंकि भारत एमसीजी में ऑस्ट्रेलिया से हार गया था, इसलिए विभिन्न रिपोर्टों ने खिलाड़ियों और प्रबंधन के बीच दरार का सुझाव दिया है.

    भारत ने विश्व कप जीता और सब कुछ ठीक रहा

    हरभजन सिंह ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "पिछले छह महीनों में, हम श्रीलंका से हार गए, न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला में सफाया और अब ऑस्ट्रेलिया में 3-1 से हार. जब तक राहुल द्रविड़ थे सब कुछ ठीक था. भारत ने विश्व कप जीता और सब कुछ ठीक रहा. लेकिन अचानक क्या हुआ?"

    ऑस्ट्रेलिया में भारत के सीनियर खिलाड़ियों ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उसे देखते हुए टेस्ट दौरा पेचीदा हो जाएगा. विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी अपने करियर के अंतिम चरण में चल रहे हैं, ऐसे में दौरे में उनकी भागीदारी को लेकर अटकलें बनी हुई हैं.

    प्रदर्शन के आधार पर चयन करने का आग्रह किया

    भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर करीब से नजर रखने वाले हरभजन ने प्रबंधन से सुपरस्टार रवैये से आगे बढ़ने और प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन करने का आग्रह किया.

    उन्होंने कहा, "हर खिलाड़ी की एक प्रतिष्ठा होती है. अगर यही बात है तो कपिल देव, अनिल कुंबले या उन लोगों को जोड़ लीजिए जो भारत के सबसे बड़े मैच विजेता रहे हैं. बीसीसीआई और चयनकर्ताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए. भारत को सुपरस्टार वाला रवैया पीछे छोड़ना चाहिए."

    कोहली आठ पारियों में सिर्फ 190 रन बना सके

    कोहली आठ पारियों में 23.75 की औसत से सिर्फ 190 रन बना सके, जबकि स्कॉट बोलैंड ने उन्हें चार बार आउट किया. दूसरी ओर, रोहित सीरीज के तीन टेस्ट मैचों में 31 रन ही बना सके.

    अभिमन्यु ईश्वरन और सरफराज अहमद भारत के यात्रा दल का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने पूरी श्रृंखला किनारे पर बिताई. हरभजन को लगता है कि अगर ऐसे खिलाड़ियों को मौका दिया जाए तो वे भविष्य में भारत के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.

    जो खिलाड़ी प्रदर्शन करेगा उसे ही जाना चाहिए

    उन्होंने कहा, "अभिमन्यु ईश्वरन को दौरे पर ले जाया गया था, लेकिन वह नहीं खेले. अगर उन्हें मौका मिले तो वह भारत के लिए खिलाड़ी बन सकते हैं. सरफराज का भी यही मामला है. अब इंग्लैंड दौरा सामने है. जो खिलाड़ी प्रदर्शन करेगा उसे वहीं जाना चाहिए. आपको प्रतिष्ठा के आधार पर खिलाड़ियों को नहीं चुनना चाहिए."

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