आगरा में सनसनीखेज ज्वेलरी लूट और हत्या के मामले में पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए मुख्य आरोपी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. यह घटना मंगलवार सुबह सिकंदरा के अंसल एपीआई में निर्माणाधीन फ्लैट के पास हुई.
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि लूटी गई ज्वेलरी बरामद करने के लिए पुलिस आरोपी अमन को लेकर मौके पर गई थी. इसी दौरान अमन ने पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस की कार्रवाई में अमन मारा गया. अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस ने इस मामले में अमन के भाई सुमित को भी हिरासत में लिया है. चार दिन पहले अमन, सुमित और फरार आरोपी फारूख ने मिलकर सिकंदरा के कारगिल चौराहे के पास बालाजी ज्वेलरी शोरूम में लूटपाट की थी. इस दौरान दुकान मालिक योगेश उर्फ योगेंद्र चौधरी ने विरोध किया तो बदमाशों ने उनके पेट में गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई. लुटेरों ने करीब 20 लाख रुपये की ज्वेलरी और नकदी लूटी थी.
तीसरा आरोपी फारूख अभी भी फरार
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लूट में इस्तेमाल की गई बाइक अमन के दोस्त हेमंत की थी. बदमाशों ने वारदात के बाद बाइक को एक कुएं में फेंक दिया था. पुलिस ने बाइक बरामद की और इसके रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर हेमंत को पकड़ा. हेमंत की निशानदेही पर सुमित और फिर अमन तक पुलिस पहुंची. तीसरा आरोपी फारूख अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
क्या है पूरा मामला?
यह वारदात शुक्रवार सुबह 11 बजे हुई थी, जब दो बदमाश बाइक पर सवार होकर शोरूम में घुसे. उन्होंने स्टाफ को हथियार के बल पर काबू किया और ज्वेलरी व नकदी लूट ली. शोरूम मालिक ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, लेकिन लुटेरों ने गोली चला दी. पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसमें फारूख बाइक चलाता दिखा, जबकि सुमित बीच में और अमन पीछे बैठा था.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अमन, सुमित और फारूख बिचपुरी के मघटई गांव के रहने वाले हैं. लूट का मकसद गिरवी रखे घर को छुड़ाना था. मंगलवार को जब पुलिस अमन को ज्वेलरी बरामद करने के लिए अंसल एपीआई के फ्लैट पर ले गई, तब उसने पुलिस पर हमला कर दिया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी. जवाबी कार्रवाई में अमन की मौत हो गई. पुलिस ने लूटी गई सारी ज्वेलरी बरामद कर ली है और मामले की जांच जारी है.
ये भी पढ़ेंः भयानक होता है युद्ध के बीच 'ब्लैकआउट', घरों में कैद हो जाते हैं लोग, चारों तरफ अंधेरा... जानिए जान को कितना खतरा?