'पाकिस्तान को मिटा दिया जाएगा', जम्मू-कश्मीर के एलजी की आतंकिस्तान को सख्त चेतावनी

    Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त संदेश दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकियों को शरण देता रहा, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

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    Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त संदेश दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकियों को शरण देता रहा, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. एलजी सिन्हा ने चेताया कि भारत की सेना दुश्मन की ज़मीन के हर कोने तक पहुंचने में सक्षम है और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती है.

    यह बयान उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कालजयी रचना 'रश्मिरथी' के नाट्य मंचन के दौरान दिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा, "भारत एक शांतिप्रिय देश है, लेकिन अगर हमारी संप्रभुता को चुनौती दी गई, तो आतंक फैलाने वाले देश का नाम-ओ-निशान मिट जाएगा."

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना की वीरता को किया सलाम

    उपराज्यपाल सिन्हा ने हाल ही में हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र करते हुए भारतीय सुरक्षाबलों की बहादुरी, प्रतिबद्धता और साहस को नमन किया. उन्होंने कहा कि भारत की सेनाएं हर मोर्चे पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं, और पाकिस्तान को उसके दुस्साहस का माकूल जवाब मिल चुका है.

    युवाओं को किया राष्ट्रसेवा का आह्वान

    इस कार्यक्रम के दौरान एलजी ने युवाओं को देश की सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि आज के युवा देश के भविष्य को आकार देने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा सकते हैं और उन्हें राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे आना चाहिए.

    दिनकर को श्रद्धांजलि, 'रश्मिरथी' के भावार्थ को बताया प्रासंगिक

    मनोज सिन्हा ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी कविताएँ केवल साहित्य नहीं, बल्कि राष्ट्रभावना की सजीव अभिव्यक्ति हैं. 'रश्मिरथी' जैसे महाकाव्य आज भी हमें धर्म, न्याय और वीरता के आदर्शों की याद दिलाते हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रस्तुति उन जांबाज सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. सिन्हा ने यह भी जोड़ा कि दिनकर की कविताएं सिर्फ अतीत की गाथाएं नहीं हैं, बल्कि वर्तमान समय में भी ये हमें सही दिशा में सोचने और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को समझने की प्रेरणा देती हैं.
     

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