Jammu Kashmir: माता वैष्णो देवी मार्ग में भूस्खलन से मची तबाही, 30 से अधिक लोगों की मौत, जानें अबतक के अपडेट्स

    Vaishno Devi yatra landslide: जम्मू-कश्मीर एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है. मूसलाधार बारिश ने सिर्फ जन-जीवन को अस्त-व्यस्त ही नहीं किया, बल्कि कई परिवारों से उनके अपने भी छीन लिए. बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है.

    Jammu Kashmir Landslide wreaks havoc on Mata Vaishno Devi 30 people killed know updates
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    Vaishno Devi yatra landslide: जम्मू-कश्मीर एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है. मूसलाधार बारिश ने सिर्फ जन-जीवन को अस्त-व्यस्त ही नहीं किया, बल्कि कई परिवारों से उनके अपने भी छीन लिए. बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाओं ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है. अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 23 से ज्यादा लोग घायल हैं. हालात इतने भयावह हैं कि माता वैष्णो देवी यात्रा तक रोक दी गई है.

    कटरा में लगातार बारिश और भूस्खलन के चलते वैष्णो देवी यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. हजारों श्रद्धालु बीच रास्ते में फंसे हैं. प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में लगा है, लेकिन खराब मौसम उनके प्रयासों को चुनौती दे रहा है.

    अब तक 30 से अधिक मौतें, कई घायल

    प्राकृतिक आपदा की इस मार से डोडा, किश्तवाड़ और श्रीनगर जैसे इलाकों में मौत का तांडव देखा गया. डोडा में चार लोगों की जान चली गई, जिनमें तीन नदी में बह गए और एक मकान ढहने से मारा गया. कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.

    सड़कें और पुल तबाह, हाईवे बंद

    भारी बारिश के चलते कई सड़कें और पुल बह गए हैं, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है. इनमें जम्मू-श्रीनगर हाईवे और किश्तवाड़-डोडा हाईवे शामिल हैं.  इन दोनों मुख्य सड़कों को बंद कर दिया गया है. वहीं, कई ट्रेनों को रद्द किया गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है.

    संचार और बिजली सेवाएं ठप

    तेज हवाओं और बारिश ने मोबाइल टावर और बिजली के खंभों को गिरा दिया, जिससे लाखों लोग नेटवर्क से कट गए हैं. संचार सेवाएं पूरी तरह बाधित हो चुकी हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति भी बंद है.

    बादल फटने से तबाही और बढ़ी

    किश्तवाड़ जिले के चिसोटी गांव में 14 अगस्त को बादल फटने की भयावह घटना हुई थी, जिसमें 65 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए थे. इस घटना के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि नई बारिश ने मुसीबत और बढ़ा दी.

    मुख्यमंत्री ने हालात को बताया 'गंभीर'

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पूरे हालात को बेहद गंभीर बताया है. उन्होंने सभी जिला प्रशासनिक इकाइयों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है और कहा कि प्रभावितों को भोजन, पानी, दवाइयां और जरूरी राहत सामग्री हर हाल में पहुंचाई जाए.

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