नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी नेता राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर में देरी के बाद इस तरह की स्थिति में दखल देने की मांग की है, क्योंकि "आस-पास ही बाकी नेताओं के प्रोटोकॉल के कारण" "नो-फ्लाई-ज़ोन प्रतिबंध" लागू किया गया था. रमेश ने पत्र में लिखा है कि विमान रोकने से देरी के कारण पहले से तय कार्यक्रम या तो लेट रहे हैं या रद्द करने पड़ रहे हैं.
There should be a level-playing field in campaigning. The PM's campaign cannot take precedence over that of all others. Today Rahul Gandhi got delayed in Jharkhand on this account. Here is our communication to the @ECISVEEP. pic.twitter.com/gJHGglLwR4
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 15, 2024
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चुनाव प्रचार में एक जैसे मौके होने चाहिए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रचार अभियान "बाकी सभी के प्रचार अभियान से ऊपर नहीं हो सकता".
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जयराम ने कहा, राहुल गांधी को मिली चुकी थीं सभी परमिशन
रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि समान मौके को बाधित नहीं किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि सांसद और विपक्ष के नेता (लोकसभा) राहुल गांधी ने झारखंड में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक चुनावी रैली में प्रचार किया. कांग्रेस नेता ने कहा कि राहुल गांधी और उनके स्टाफ ने राज्य भर में यात्रा करने और सभी पहले से तय चुनावी रैलियों में हिस्सा लेने के लिए सभी जरूरी परमिशन पा ली थी.
उन्होंने कहा कि स्वीकृत कार्यक्रम और अनुमति के अनुसार, दोपहर 1.15 बजे राहुल गांधी और उनकी टीम को गोड्डा से उड़ान भरकर राज्य के बाकी जगहों (बलबड्डा-देवघर हवाई अड्डा) के लिए उड़ान भरनी थी.
"हालांकि, उनकी यात्रा का तरीका, जिसे दोपहर 1.15 बजे IST पर उड़ान भरने की अनुमति थी, उसे उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी गई है. उन्हें सूचित किया गया है कि आसपास के अन्य नेताओं के प्रोटोकॉल के कारण नो-फ्लाई ज़ोन प्रतिबंध लगा दिया गया था," पत्र में कहा गया है.
कांग्रेस नेता ने कहा- इस देरी से बाकी कार्यक्रम लेट हो रहे या कैंसिल
इसमें कहा गया है, "वास्तव में, उक्त देरी के कारण श्री राहुल गांधी के सभी बाद के कार्यक्रम (जिनके लिए पूर्व अनुमति प्राप्त की गई थी) अब या तो विलंबित हो रहे हैं या रद्द हो रहे हैं. हम आयोग से इस स्थिति में तत्काल दखल देने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करते हैं कि इस तरह से समान अवसर बाधित न हों."
जयराम रमेश ने कहा कि अगर ऐसी स्थिति को बने रहने दिया जाता है, तो सत्तारूढ़ शासन और उसके नेता हमेशा ऐसे प्रोटोकॉल का गलत लाभ उठा सकते हैं और "विपक्षी नेताओं के चुनाव अभियान को कमतर कर सकते हैं."
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