UPPSC exam अब एक ही दिन में 22 दिसंबर को होगा, एस्पिरेंट्स के भारी विरोध के बाद सहमत हुई है सरकार

    परीक्षा दो पालियों में होगी. पहली पाली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरी दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित की जाएगी.

    UPPSC exam अब एक ही दिन में 22 दिसंबर को होगा, एस्पिरेंट्स के भारी विरोध के बाद सहमत हुई है सरकार
    सीएम योगी का फाइल फोटो, प्रतीकात्मक तस्वीर.

    प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश सरकार ने विरोध कर रहे अभ्यर्थियों की मांगों पर सहमति जताने के बाद आब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन, 22 दिसंबर को आयोजित की जाएगी.

    परीक्षा दो पालियों में होगी: पहली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरी दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित की जाएगी.

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    सीएम योगी आदित्यनाथ ने छात्रों के शिकायत दूर करने को कहा है

    रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग को विरोध कर रहे छात्रों की शिकायतों को दूर करने का निर्देश दिया है, जिसके कारण परीक्षा कार्यक्रम को संशोधित करने का फैसला लिया गया है.

    शुरू में, परीक्षा 27 अक्टूबर की मूल तिथि से टलने के बाद 7 और 8 दिसंबर को निर्धारित की गई थी. छात्रों की यात्रा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए एक कदम के रूप में इस फैसले की तारीफ की गई है.

    यूपीपीएससी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "संयुक्त राज्य/वरिष्ठ अधीनस्थ सेवा परीक्षा की प्रकृति को देखते हुए, आयोग ने सैद्धांतिक रूप से इसे एक ही दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जैसा कि पहले किया गया है."

    सैकड़ों छात्रों ने नये फॉर्मेट में परीक्षा का किया भारी विरोध

    सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा फॉर्मेट में बदलाव की मांग करते हुए प्रयागराज में यूपीपीएससी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने तर्क था कि पिछला प्रारूप, जो कई दिनों और शिफ्टों में तैय किया था, अनुचित था और इसमें गड़बड़ियां होने की संभावना थी. विरोध-प्रदर्शन के बाद, विपक्षी दलों ने अभ्यर्थियों की मांगों का समर्थन किया और यूपी सरकार की शुरुआती प्रतिक्रिया को "असंवेदनशील" बताया.

    समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्री.) परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की उम्मीद है.

    डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने छात्रों के हित में काम की बात कही

    उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने छात्रों को उनके कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का भरोसा दिया.

    पाठक ने कहा, "समस्या का समाधान हो गया है. राज्य सरकार छात्रों के हितों को प्राथमिकता दे रही है. उनकी मांगें पूरी कर दी गई हैं और हम सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें आगे कोई समस्या न हो."

    भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने सीएम के फैसले को सराहा

    भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने भी मुख्यमंत्री के फैसले की सराहना करते हुए इन भावनाओं को दोहराया. शर्मा ने कहा, "छात्र हित में यह एक अहम कदम है. विपक्ष केवल इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है.

    आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने और जल्द ही एक डिटेल रिपोर्ट पेश करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है."

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