IPL की तरह शुरू हुई जेल प्रीमियर लीग, मथुरा के कैदी खूब लगा रहे चौके-छक्के, देखें VIDEO

    जेल प्रीमियर लीग में कैदियों को दो टीमों में बांटा गया. मैच का आयोजन जेल परिसर में ही किया गया, जहां सुरक्षा के साथ-साथ खेल भावना भी पूरी तरह जीवित रही. खिलाड़ियों ने अपने हुनर से न केवल मैच जीता, बल्कि जेल प्रशासन का दिल भी. मैच के अंत में विजेता टीम को मेडल, सर्टिफिकेट और क्रिकेट किट से सम्मानित किया गया.

    Jail Premier League in Mathura Jail uttar pradesh news
    Jail Premier League in Mathura Jail uttar pradesh news

    Jail Premier League: कहते हैं खेल सिर्फ मैदान पर नहीं, ज़िंदगी में भी बदलाव ला सकते हैं. यह बात मथुरा जेल प्रशासन ने सच कर दिखाई, जब उन्होंने जेल की चारदीवारी के भीतर क्रिकेट की गूंज सुनाई दी. लेकिन यह कोई आम क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं था — यह था JPL यानी जेल प्रीमियर लीग — एक ऐसा आयोजन जिसने न सिर्फ कैदियों की दिनचर्या में उत्साह घोला, बल्कि उनकी सोच और जीवन की दिशा को भी छू लिया.

    जहां आमतौर पर जेल का नाम सुनते ही दंड, अनुशासन और बंधन का ख्याल आता है, वहीं मथुरा जेल ने खेल के ज़रिए सुधार की नई मिसाल पेश की है. इस टूर्नामेंट ने दिखा दिया कि अगर माहौल सही हो, तो सुधार और सृजन दोनों साथ-साथ चल सकते हैं.

    सुधार की नई परिभाषा

    क्रिकेट को भारत में धर्म जैसा मानते हैं. और जब वही क्रिकेट जेल की सीमाओं में प्रवेश करता है, तो वह केवल खेल नहीं रहता — वह उम्मीद बन जाता है. मथुरा जेल ने देश की पहली ऐसी जेल बनकर इतिहास रचा, जहां IPL की तर्ज पर कैदियों के बीच क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित हुआ.

    इस पहल का मुख्य उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं था, बल्कि इसके ज़रिए कैदियों के मानसिक तनाव को कम करना, उनमें अनुशासन और टीम भावना विकसित करना, और सबसे बढ़कर — उन्हें एक दूसरा मौका देना था.

    मैदान, मुकाबला और मनोबल

    जेल प्रीमियर लीग में कैदियों को दो टीमों में बांटा गया. मैच का आयोजन जेल परिसर में ही किया गया, जहां सुरक्षा के साथ-साथ खेल भावना भी पूरी तरह जीवित रही. खिलाड़ियों ने अपने हुनर से न केवल मैच जीता, बल्कि जेल प्रशासन का दिल भी. मैच के अंत में विजेता टीम को मेडल, सर्टिफिकेट और क्रिकेट किट से सम्मानित किया गया. यह केवल पुरस्कार नहीं थे, बल्कि एक संदेश था कि "गलती इंसान से होती है, पर बदलाव भी इंसान से ही होता है."

    सोशल मीडिया पर वाहवाही

    जैसे ही यह खबर बाहर आई, लोगों ने सोशल मीडिया पर मथुरा जेल प्रशासन की पहल की जमकर तारीफ की. कई यूजर्स ने लिखा कि इस तरह की पहलें अपराधियों को दोबारा एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा देती हैं. एक यूजर ने लिखा, "JPL जैसी पहलें दिखाती हैं कि सुधार सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीन पर भी हो सकता है — और वह भी बैट और बॉल के जरिए."

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