तेल अवीव/तेहरान: पश्चिम एशिया में तनाव एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. इज़राइल द्वारा हाल ही में ईरान में किए गए लक्षित हवाई हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत की खबर है. ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर होसैन सलामी, गुलाम-अली रशीद, परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद तेहरानची और फ़ेरेदून अब्बासी समेत सशस्त्र बलों के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी मारे गए हैं. यह हमला ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) के बाद ईरान पर सबसे गंभीर सैन्य हमला माना जा रहा है.
ईरान ने इस हमले को ‘खून के बदले खून’ का मामला बताते हुए कड़े जवाब की चेतावनी दी है. इसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि अगर युद्ध छिड़ता है तो दोनों देशों की सैन्य शक्ति की तुलना में कौन अधिक सक्षम है?