तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण संघर्ष अब ऐसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां मीडिया संस्थान भी युद्ध के निशाने पर आ गए हैं. हाल ही में ईरान की राजधानी तेहरान में एक अप्रत्याशित हमला हुआ, जब इजरायल के लड़ाकू विमानों ने सरकारी टेलीविजन मुख्यालय पर बमबारी कर दी. यह हमला उस समय हुआ जब ईरान की एक महिला एंकर लाइव प्रसारण कर रही थीं. धमाके का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि विस्फोट के बाद एंकर घबरा जाती हैं और कैमरे के सामने धूल और मलबे का गुबार छा जाता है.
मीडिया अब युद्ध का हिस्सा?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले के जरिए इजरायल ने स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है कि वह केवल सैन्य ठिकानों तक सीमित नहीं रहेगा. इससे पहले इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने ईरान को चेतावनी दी थी कि सरकारी रेडियो और टीवी नेटवर्क अगर "दुष्प्रचार" फैलाना जारी रखते हैं तो उन्हें सैन्य लक्ष्यों के रूप में देखा जाएगा.
Iran regime's International news channel getting bombed live. pic.twitter.com/gwi6sTLtYE
— Imtiaz Mahmood (@ImtiazMadmood) June 16, 2025
यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी गंभीर मानी जा रही है, क्योंकि युद्धों में मीडिया संस्थानों को अब तक 'निषिद्ध' लक्ष्यों में शामिल किया जाता रहा है. लेकिन इजरायल ने इस परंपरा को तोड़ते हुए मीडिया को भी हमले के दायरे में लाने का इशारा कर दिया है.
इजरायल के हमले और ईरान का पलटवार
ईरान के सरकारी सूत्रों का दावा है कि इजरायल ने उत्तर-पूर्वी ईरान के रिहायशी इलाकों में भी बमबारी की, जिसमें अब तक 224 नागरिकों की मौत हो चुकी है. साथ ही, कई पत्रकारों के मारे जाने की भी पुष्टि की गई है. ईरान के मुताबिक, इजरायल ने उनके संचार तंत्र और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल डिप्लॉयमेंट साइट्स को भी बड़े पैमाने पर निशाना बनाया है.
इसके जवाब में, ईरान भी इजरायल पर लगातार मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरानी हमलों से इजरायल की आर्थिक राजधानी तेल अवीव समेत बेनेई ब्राक जैसे शहरों में भारी नुकसान हुआ है. अब तक 24 इजरायली नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है और 500 से ज्यादा लोग घायल हैं.
युद्ध का असर: लोगों का पलायन शुरू
ईरान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. पुर्तगाल, फिलीपींस, फिनलैंड सहित कई देशों के नागरिक देश छोड़ने की तैयारी में हैं. अधिकांश विदेशी नागरिक अस्तारा सीमा के रास्ते अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंच रहे हैं, ताकि वहां से सुरक्षित अपने देश लौट सकें. यह दर्शाता है कि संघर्ष केवल सीमित इलाकों में नहीं, बल्कि पूरे ईरान में सुरक्षा संकट खड़ा कर रहा है.
क्या यह युद्ध अब नियंत्रण से बाहर हो रहा है?
जानकारों का मानना है कि मीडिया संस्थानों पर हमला इस युद्ध को खतरनाक अंतरराष्ट्रीय मोड़ की तरफ ले जा सकता है. यदि भविष्य में दोनों देश एक-दूसरे के संचार नेटवर्क और नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना जारी रखते हैं, तो मानवीय संकट और वैश्विक अस्थिरता तेजी से बढ़ेगी.
दूसरी ओर, ईरान ने भी इजरायली मीडिया नेटवर्क को चेतावनी दी है कि यदि उनका "प्रोपेगेंडा" जारी रहा तो वे भी ईरानी हमलों के निशाने पर आ सकते हैं. इस बयान ने इस संघर्ष को एक नए और कहीं अधिक खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है.
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