ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र पर इजरायल के हमले के बाद हालात बेहद नाजुक हो गए हैं. जहां ईरान ने इस हमले को सतही बताते हुए परमाणु रेडिएशन के लीक होने से इनकार किया था, वहीं अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने हाल ही में यूएन को एक ऐसी रिपोर्ट सौंपी है जिसने वैश्विक सुरक्षा की चिंता को बढ़ा दिया है.
IAEA के प्रमुख रॉफेल ग्रॉसी ने बताया है कि इजरायल के हमले के बाद नतांज केंद्र में बाहरी तौर पर तो रेडिएशन नहीं फैला है, लेकिन अंदरूनी स्तर पर रेडिएशन का रिसाव शुरू हो गया है. उनका कहना है कि हमले के कारण संयंत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हुई, जिससे सेंट्रीफ्यूज यानी यूरेनियम संवर्धन की मशीनें प्रभावित हो सकती हैं और इसी वजह से रेडिएशन का खतरा उत्पन्न हुआ है.
रेडिएशन खतरा अभी नियंत्रित, पर सतर्कता जरूरी
ग्रॉसी ने साफ किया कि फिलहाल नतांज परमाणु केंद्र के आसपास बाहरी क्षेत्र में रेडिएशन का फैलाव नहीं हुआ है. हालांकि संयंत्र के अंदर रेडिएशन का स्तर बढ़ रहा है, जिसे अभी समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है. उन्होंने सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की और चेताया कि यदि ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो इससे ईरान के लिए गंभीर और अनिश्चित परिणाम सामने आ सकते हैं.
इजरायल का ‘राइजिंग लायन’ अभियान
इजरायल ने इस हमले को ‘राइजिंग लायन’ अभियान का हिस्सा बताया है, जिसका लक्ष्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करना था. इस अभियान के तहत 200 से अधिक लड़ाकू विमानों को तैनात किया गया था और कई परमाणु व सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इस हमले में ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख कमांडर हुसैन सलामी और सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई के सलाहकार अली शमखानी भी मारे गए थे.
ईरान ने किया नकारा, IAEA ने जताई चिंता
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रवक्ता बेहरोज कमालवंदी ने कहा है कि किसी प्रकार का रेडिएशन लीक नहीं हुआ और संयंत्र जल्द ही सामान्य रूप से काम करना शुरू कर देगा. लेकिन IAEA प्रमुख ने साफ किया कि ईरानी अधिकारियों ने कई परमाणु केंद्रों के प्रभावित होने की बात स्वीकार की है. उन्होंने इसे बेहद चिंताजनक करार दिया और कहा कि परमाणु सुविधाओं को युद्ध का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए.
ये भी पढ़ेंः कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बताकर इजरायल ने कर दी बड़ी गलती, 90 मिनट के अंदर मांगी माफी; भारत ने क्या कहा?