तेहरान: जब इज़रायल ने ईरानी राजधानी तेहरान के IRIB मुख्यालय को निशाना बनाया, तो उस वक्त टीवी एंकर सहर इमानी लाइव समाचार प्रसारण में थीं. अचानक स्टूडियो में विस्फोट की गूंज और धुएं का गुबार फैल गया. तकनीकी क्रू भागने लगा, कैमरे हिलने लगे, लेकिन सहर ने उस घड़ी में भी अपनी पेशेवर प्रतिबद्धता नहीं छोड़ी.
हालांकि सुरक्षा कारणों से उन्हें स्टूडियो छोड़ना पड़ा, लेकिन कुछ ही मिनटों बाद दूसरे स्टूडियो से उन्होंने प्रसारण फिर से शुरू किया, वो भी बिना किसी डर या घबराहट के. सहर का यह कदम अब ईरान में बहादुरी और दृढ़ता की मिसाल बन गया है.
कौन हैं सहर इमानी?
सहर इमानी मूल रूप से फूड इंजीनियर थीं, लेकिन साल 2010 में उन्होंने पत्रकारिता में कदम रखा. जल्द ही उन्होंने ईरानी सरकारी चैनल IRIB Arabic में जगह बना ली और खुद को एक भरोसेमंद टीवी चेहरा बना दिया. हिजाब पहनकर, बिना तामझाम के कैमरे के सामने आने वाली सहर, आज ईरानी मीडिया की एक मजबूत आवाज़ हैं. वे शादीशुदा हैं और एक बेटे की मां भी हैं.
हमले के बीच हौसले की रिपोर्टिंग
16 जून को जिस समय इज़रायली हमले हुए, सहर लाइव प्रसारण में थीं. धमाकों और गिरते मलबे के बीच उन्होंने रिपोर्टिंग जारी रखने की कोशिश की, लेकिन हालात ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें हटना पड़ा. फिर जब सबको लगा कि प्रसारण रुक जाएगा, सहर कुछ ही पलों में दूसरे स्टूडियो से ऑन-एयर हो गईं. न कोई कंपकंपी, न कोई चीख—बल्कि पहले से ज़्यादा तेज और स्पष्ट आवाज़.
सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़
सहर की इस बहादुरी की सोशल मीडिया पर जबरदस्त सराहना हो रही है. ईरान की महिला एवं परिवार कल्याण उपराष्ट्रपति ज़हरा बहरामज़ादेह आज़र ने उन्हें "ईरानी महिलाओं के साहस की प्रतीक" बताया. कई लोग सहर की आक्रामक शैली और उंगली उठाकर बात करने की मुद्रा को ईरान के शीर्ष नेताओं से जोड़कर देख रहे हैं.
जंग के बीच पत्रकारिता की जीत
जहां एक ओर मिसाइलें गगन चीर रही हैं, वहीं सहर जैसी पत्रकार यह साबित कर रही हैं कि सूचना, साहस और सच्चाई की आवाज़ को चुप नहीं कराया जा सकता. जंग चाहे किसी भी मोर्चे पर लड़ी जाए, ऐसे बहादुर चेहरे उस संघर्ष को दुनिया के सामने लाने का काम करते हैं.
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