किसी की परछाईं भी देख ले तो मौत आ जाए... मोसाद के खौफ से इतना कांप रहा ईरान, जानिए अब क्या किया

    इज़राइल द्वारा किए गए हालिया हमलों ने ईरान की सैन्य रीढ़ तोड़ कर रख दी है. दर्जनों सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं.

    Iran scared of Mossad israel
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    ईरान की सरज़मीं इन दिनों एक अजीब सी खामोशी और सनसनी में डूबी है. ऐसा लग रहा है जैसे हर गली, हर मोड़, हर चेहरा — जासूसी की परछाई लिए चल रहा हो. वो मुल्क, जो खुद को पश्चिम एशिया की बड़ी ताक़त मानता था, अब मोसाद के साए से डर कर अपने ही लोगों से खौफ खा रहा है.

    इजरायली हमले के बाद टूटी रीढ़, कांप उठा ईरान

    इज़राइल द्वारा किए गए हालिया हमलों ने ईरान की सैन्य रीढ़ तोड़ कर रख दी है. दर्जनों सैन्य अधिकारी, परमाणु वैज्ञानिक और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं. यह हमला सिर्फ गोला-बारूद से नहीं, बल्कि मोसाद की महीन रणनीति और खुफिया घुसपैठ से अंजाम दिया गया.

    ईरान के सुरक्षा प्रतिष्ठान को अब समझ आ गया है कि युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं लड़े जाते — असली लड़ाई दिमाग़ और दस्तावेज़ों के पीछे होती है, जहां मोसाद ने उन्हें मात दे दी है.

    हर टोपी, हर चश्मा अब जासूस लगने लगा है

    तेहरान की गलियों में अगर कोई स्टाइलिश टोपी पहनकर चले, या फिर आंखों पर गहरे काले चश्मे लगाए—तो समझिए वो अब शक के घेरे में है. ईरान की सरकार ने जनता से अपील की है कि "हर नकाबपोश पर नज़र रखें" — क्योंकि हो सकता है वो मोसाद का एजेंट हो.

    पुलिस को आदेश दिया गया है कि जो लोग बार-बार डिलीवरी पैकेज लेते हैं, जिनके पास कूरियर ट्रक हैं या जो देर रात अकेले घूमते हैं—उनसे सख्ती से पूछताछ हो. हालात इतने असामान्य हो चुके हैं कि आम लोग अब एक-दूसरे को देख कर संदेह की निगाहों से देखने लगे हैं.

    गिरफ्तारियां, फांसी और सनसनी

    CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अब तक 28 लोगों को तेहरान से और 60 को इस्फहान से गिरफ्तार किया है. इनमें से कुछ पर इज़राइल के पक्ष में पोस्ट करने का आरोप है, जबकि एक को जासूसी के आरोप में फांसी दी जा चुकी है. यह एक स्पष्ट संदेश है — कि ईरान अब किसी भी सूरत में शक को सहन नहीं करेगा.

    ईरान के भीतर जड़े जमा चुकी है मोसाद

    2018 में जब इज़राइल की खुफिया एजेंसी ने तेहरान के न्यूक्लियर आर्काइव को चुराया था, तभी दुनिया को यह अहसास हो गया था कि मोसाद सिर्फ बॉर्डर पार नहीं, बल्कि ईरान की नसों में घुस चुकी है.
    हालिया हमले, जिसमें इज़राइल ने सटीक हथियारों और ड्रोन से ईरान के मिसाइल लॉन्चर और एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया, उसके पीछे महीनों की गुप्त तैयारी थी.

    ड्रोन, हथियार और हवा से आया विनाश

    मोसाद ने पहले से ही ईरान में ड्रोन और स्मार्ट वेपन्स तैनात कर दिए थे. जब हमला हुआ, तो इजराइली वायुसेना के 200 से ज्यादा विमान बिना किसी बाधा के ईरानी ठिकानों पर टूट पड़े. ईरान को इसका अंदाज़ा तक नहीं था, और शायद यही बात आज उसे अंदर से खाए जा रही है.

    सरकार अब जनता को चेतावनी दे रही है

    ईरान के पुलिस प्रमुख अहमद-रेज़ा रादान ने चेतावनी दी है कि "जो भी देशद्रोहियों से जुड़ा है, उसे या तो सामने आ जाना चाहिए या फिर कड़ी सजा के लिए तैयार रहना चाहिए." वहीं न्यायपालिका प्रमुख ने एलान किया है कि इजराइल से जुड़ाव रखने वाले किसी भी व्यक्ति को तत्काल दंडित किया जाएगा.

    डर अब हवा में घुल चुका है

    इस वक्त ईरान का सबसे बड़ा संकट बाहरी हमला नहीं, बल्कि आंतरिक अविश्वास है. मोसाद ने ईरान की जनता और सरकार के बीच ऐसा शक बो दिया है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं. हर कोना, हर चेहरा, हर कॉल — अब निगरानी में है.

    मोसाद की ये कामयाबी सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रमाण है, जिसने ईरान जैसे सख्त निगरानी वाले राष्ट्र को अपने ही दायरे में बंधक बना दिया है.

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