ईरान का फोर्डो परमाणु अड्डा 'अजेय' क्यों है? इजरायल के लिए ढूंढ पाना भी मुश्किल; अमेरिका की भी नजर

    इज़राइल को हमेशा से यह आशंका रही है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार विकसित कर सकता है. फोर्डो इस डर को वास्तविकता में बदलने वाला ठिकाना है.

    Iran Fordo nuclear base invincible difficult for Israel to find America
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    ईरान के पवित्र शहर कोम के पास एक पहाड़ी के नीचे गहराई में छिपा है फोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र (Fordow Fuel Enrichment Plant – FFEP), जिसे अब इज़राइल अपनी सबसे गंभीर रणनीतिक चुनौती मान रहा है. यह कोई साधारण यूरेनियम प्लांट नहीं, बल्कि ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं का वह केंद्र है, जिसे नष्ट करना किसी भी देश के लिए आसान नहीं.

    क्यों डराता है इज़राइल को फोर्डो?

    इज़राइल को हमेशा से यह आशंका रही है कि ईरान कभी भी परमाणु हथियार विकसित कर सकता है. फोर्डो इस डर को वास्तविकता में बदलने वाला ठिकाना है. यह संयंत्र 80 से 100 मीटर मोटी चट्टानों के नीचे पहाड़ के भीतर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित और अजेय परमाणु ठिकानों में शुमार करता है.

    फोर्डो की संरचना और इसकी गुप्त लोकेशन इसे पारंपरिक बमों से लगभग अजेय बनाती है. अमेरिका के BLU-109 जैसे बंकर बस्टर बम भी इसके सामने प्रभावहीन हैं. केवल अमेरिका के पास मौजूद GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर ही इसे नुकसान पहुंचा सकता है—वो भी तब जब उसे B-2 स्टील्थ बॉम्बर से गिराया जाए. लेकिन इज़राइल के पास न तो यह बम है और न ही ऐसा बॉम्बर.

    अकेला इज़राइल क्या कर सकता है?

    इज़राइली वायुसेना के पास अत्याधुनिक F-35 और F-15 फाइटर जेट हैं, लेकिन ये इतने भारी बम नहीं ढो सकते जो फोर्डो जैसी गहराई में स्थित ठिकाने को भेद सकें. इसलिए, इज़राइल के पास दो ही रास्ते हैं—या तो वह अमेरिका की मदद ले या फिर साइबर हमले और गुप्त मिशनों का सहारा ले, जैसा कि उसने पहले नतांज परमाणु साइट पर स्टक्सनेट वायरस के जरिए किया था.

    फोर्डो की परमाणु गतिविधियों से बढ़ी चिंता

    2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते के तहत इस संयंत्र को निष्क्रिय कर दिया गया था. लेकिन 2018 में अमेरिका के समझौते से बाहर होते ही ईरान ने फिर से यूरेनियम संवर्धन शुरू कर दिया. आज यह संयंत्र 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर चुका है, जो हथियार-ग्रेड (90%) से केवल थोड़ा ही कम है—इसका मतलब है कि अगर ईरान चाहे, तो वह बहुत जल्द परमाणु हथियार बनाने की स्थिति में आ सकता है.

    'रेड लाइन' के करीब पहुंचता ईरान

    फोर्डो केवल एक सैन्य ठिकाना नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संकेत भी है. अगर यहां हथियार-ग्रेड यूरेनियम बनना शुरू होता है, तो इज़राइल के लिए यह एक 'रेड लाइन' होगी—जिसे पार करते ही सैन्य प्रतिक्रिया तय मानी जा सकती है. संक्षेप में, फोर्डो अब केवल ईरान का एक परमाणु संयंत्र नहीं, बल्कि एक ऐसा बंकर बन चुका है जो पूरे क्षेत्र की शांति के लिए गहरी चिंता का विषय है.

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