भारत ने की K-4 बैलिस्टिक मिसाइल की सफल टेस्टिंग, न्यूक्लियर सबमरीन INS अरिघात से की गई लॉन्चिंग

    भारतीय नौसेना ने बुधवार को नई शामिल परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात से 3,500 किलोमीटर की K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था. इसका अपग्रेड वर्जन जल्द ही कमीशन किया जाएगा.

    India successfully tests K-4 ballistic missile launched from nuclear submarine INS Arighaat
    न्यूक्लियर सबमरीन INS अरिघात/Photo- Internet

    नई दिल्ली: भारतीय नौसेना ने बुधवार को नई शामिल परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिघात से 3,500 किलोमीटर की K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया. अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था. इसका अपग्रेड वर्जन जल्द ही कमीशन किया जाएगा.

    रक्षा सूत्रों के मुताबिक, परीक्षण के नतीजों का विश्लेषण किया जा रहा है, जिसके बाद संबंधित अधिकारी शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को जानकारी देंगे. यह परीक्षण देश की दूसरी-स्ट्राइक क्षमता को प्रमाणित करने के लिए महत्वपूर्ण है.

    अरिघात आईएनएस अरिहंत का अपग्रेडेड वर्जन है

    अरिघात आईएनएस अरिहंत का अपग्रेडेड वर्जन है. भारतीय नौसेना ने अगस्त में विशाखापत्तनम स्थित जहाज निर्माण केंद्र में पनडुब्बी को शामिल किया था. अरिघात 3500 किलोमीटर की रेंज वाली K-4 मिसाइलों से लैस होगी. इस सबमरीन का वजन 6 हजार टन (60 हजार क्विंटल) है.

    रिपोर्ट के मुताबिक इस टेस्ट के लिए पहले से ही नोटम (NOTAM) यानी नोटिस टू एयरमैन जारी किया गया था. ये एक चेतावनी होती है जो कि उस इलाके से उड़ान भरने वाले सिविल या मिलिट्री एयरक्राफ्ट के लिए जारी की जाती है. पहली बार इस मिसाइल को सबमरीन से फायर किया गया.

    सूत्रों ने कहा कि मिसाइल के पूर्ण-रेंज परीक्षण से पहले, डीआरडीओ ने पानी के नीचे के प्लेटफार्मों से दागी जाने वाली मिसाइल के प्रक्षेपण का व्यापक परीक्षण किया था.

    K-5 की रेंज 5000 किलोमीटर से ज्यादा होगी

    फिलहाल सबमरीन से दागे जाने वाली मिसाइलों में शार्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल K-15 मौजूद है जो कि आईएनएस अरिंहत में लगी है. इसकी रेंज 750 किलोमीटर है. दूसरी मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल K-4 है जिसकी रेंज 3500 किलोमीटर है. इसके अलावा डीआरडीओ इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल K-5 पर काम कर रही है. इसकी रेंज 5000 किलोमीटर से ज्यादा होगी.

    भारतीय नौसेना अब मिसाइल प्रणाली के और परीक्षण करने की योजना बना रही है. नौसेना के पास बैलिस्टिक मिसाइल दागने की क्षमता वाली दो परमाणु पनडुब्बियां हैं, जिनमें आईएनएस अरिहंत और अरिघाट शामिल हैं.

    अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को टेस्टिंग की थी

    आईएनएस अरिघात समुद्र के अंदर मिसाइल अटैक करने में उसी तरह सक्षम है, जिस तरह अरिहंत ने 14 अक्टूबर 2022 को टेस्टिंग की थी. तब K-15 SLBM की सफल टेस्टिंग की गई थी. इसी के साथ भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के अलावा दुनिया का छठा न्यूक्लियर ट्रायड देश बन गया था.

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