Medical Tourism in India: "अगर सेहत की बात हो, तो भारत से बेहतर और कोई ठिकाना नहीं!" आज ये कहावत सिर्फ कहने भर की नहीं, बल्कि हजारों एनआरआईज़ के अनुभवों पर आधारित हकीकत बन चुकी है.
भारत अब केवल एक सांस्कृतिक या भावनात्मक जुड़ाव का स्थान नहीं रहा बल्कि मेडिकल टूरिज्म के लिहाज से भी यह देश दुनिया की पहली पसंद बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है.
पॉलिसीबाजार की ताज़ा रिपोर्ट इस बदलाव की तस्वीर को साफ तौर पर सामने लाती है. वित्त वर्ष 2024-25 में एनआरआई स्वास्थ्य बीमा लेने वालों की संख्या में 150% की बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई है. यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय अब अपनी सेहत के लिए अपने वतन की ओर रुख कर रहे हैं, और उसकी एक अहम वजह बेहतरीन इलाज और किफायती खर्च है।
इलाज सस्ता, सेवा शानदार
भारत और अमेरिका जैसे देशों के बीच इलाज के खर्च में जो फर्क है, वह किसी को भी चौंका सकता है. उदाहरण के तौर पर-
हार्ट बायपास सर्जरी: भारत में 4 से 6 लाख रुपये में हो जाती है, वहीं अमेरिका में इसके लिए 58 लाख से लेकर 1.25 करोड़ रुपये तक खर्च करना पड़ सकता है.
घुटना प्रत्यारोपण: भारत में 3.3 से 5 लाख रुपये में, जबकि अमेरिका में 25 से 41 लाख तक.
लीवर ट्रांसप्लांट: भारत में लगभग 20 से 29 लाख के बीच, लेकिन अमेरिका में इसकी कीमत 2.5 करोड़ से 4.1 करोड़ रुपये तक जा सकती है.
इतना ही नहीं, हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम की बात करें तो भारत में एक व्यक्ति का सालाना खर्च जहां ₹10,000 से ₹25,000 के बीच आता है, वहीं अमेरिका में ये ₹6.6 लाख से ज्यादा होता है.
भारत की हेल्थ सर्विस पर भरोसा
भारत की मेडिकल व्यवस्था पर अब सिर्फ बुज़ुर्ग या गंभीर मरीज ही नहीं, बल्कि युवा और महिलाएं भी विश्वास जता रही हैं. रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं की हिस्सेदारी में 125% की बढ़ोतरी, 35 साल से कम उम्र के एनआरआई ग्राहकों में 148% की वृद्धि हुई है. ये आंकड़े बताते हैं कि अब भरोसे के साथ-साथ प्राथमिकता भी बदल चुकी है.
भारत के कौन से शहर हैं एनआरआई की पसंद?
भारत के कई शहर अब वैश्विक हेल्थ डेस्टिनेशन बन चुके हैं. खासकर चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, ठाणे और कोलकाता जैसे शहरों को एनआरआई सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
इन जगहों पर उन्नत तकनीक, अनुभवी डॉक्टर्स और इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की मेडिकल फैसिलिटी मौजूद हैं, और यही कारण है कि ये शहर अब सिर्फ इलाज के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा का भरोसेमंद ठिकाना बन गए हैं.
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