फ्रांस से राफेल के बाद अब स्पेन से C-295... भारत को मिले 16 नए विमान, वायुसेना की बढ़ेगी ताकत

    भारत ने एक और अहम रक्षा सौदा सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, और इसी क्रम में उसे स्पेन से 16 C-295 सैन्य परिवहन विमान मिल चुके हैं.

    India gets 16 new aircraft Air Force strength will increase
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    नई दिल्ली: भारत ने एक और अहम रक्षा सौदा सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, और इसी क्रम में उसे स्पेन से 16 C-295 सैन्य परिवहन विमान मिल चुके हैं. इन विमानों की डिलीवरी पूरी होते ही भारतीय वायुसेना की सामरिक क्षमताएं और मजबूत हो गई हैं.

    फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान हासिल करने के बाद अब स्पेन के साथ हुए इस डील ने भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट विंग को एक नई मजबूती दी है. इन विमानों की विशेषता यह है कि वे न केवल सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में सक्षम हैं, बल्कि युद्ध और आपातकालीन स्थितियों में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं.

    भारत को मिला 16वां C-295, सौदे का पहला चरण पूरा

    शनिवार को भारत को स्पेन से आखिरी और 16वां C-295 विमान प्राप्त हुआ. स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने इस बात की पुष्टि की. इसके साथ ही इस रक्षा डील का पहला चरण पूरा हो गया है. बाकी के 40 विमान अब भारत में ही बनाए जाएंगे.

    यह सौदा सितंबर 2021 में स्पेन की कंपनी Airbus Defence & Space के साथ किया गया था, जिसके तहत कुल 56 विमानों का निर्माण और डिलीवरी होना है. 16 विमान स्पेन से सीधे भारत को दिए जाने थे, जबकि शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में किया जाएगा.

    इन विमानों का निर्माण गुजरात के वडोदरा में स्थित TATA Advanced Systems Limited (TASL) के अत्याधुनिक संयंत्र में किया जाएगा. यह भारत का पहला निजी क्षेत्र का सैन्य विमान निर्माण संयंत्र है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने मिलकर उद्घाटन किया था. इस निर्माण प्रक्रिया में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और देश के कई MSME कंपनियां भी भाग लेंगी.

    क्या है C-295 विमान और क्यों है खास?

    C-295 एक आधुनिक, मझोले दर्जे का सैन्य परिवहन विमान है, जो विशेष रूप से मल्टी-रोल कार्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह विमान 5 से 10 टन तक का भार ले जा सकता है और कठिन परिस्थितियों में भी कार्य करने में सक्षम है. इसकी उड़ान भरने की क्षमता और तकनीकी विशेषताएं इसे भारतीय वायुसेना के लिए आदर्श बनाती हैं.

    मुख्य विशेषताएं:

    • एक बार ईंधन भरने पर लगभग 11 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है.
    • यह छोटे और असमतल रनवे से भी उड़ान भर सकता है और उतर सकता है.
    • इसमें डिजिटल कॉकपिट और उन्नत कंट्रोल सिस्टम हैं, जो उड़ान को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाते हैं.
    • विमान को कम लागत वाले रखरखाव के साथ लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
    • 71 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स को एक साथ ले जाने की क्षमता.
    • जरूरत पड़ने पर इसमें मेडिकल उपकरण और स्ट्रेचर लगाकर इसे एयर एम्बुलेंस के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

    वायुसेना की बढ़ेगी सामरिक क्षमता

    C-295 विमानों की खासियत यह है कि ये केवल सैन्य परिवहन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्हें बहु-उपयोगी भूमिका में तैनात किया जा सकता है. सीमावर्ती इलाकों में आपूर्ति गिराने, राहत कार्यों में सहायता, सैनिकों की त्वरित तैनाती और हवाई चिकित्सा जैसी कई जरूरतों को यह विमान पूरी तरह से पूरा कर सकता है.

    यह विमान भारत की वायुसेना में लंबे समय से इस्तेमाल हो रहे Avro विमानों की जगह लेगा, जो अब तकनीकी रूप से पुराने हो चुके हैं. C-295 इनकी तुलना में अधिक आधुनिक, विश्वसनीय और टिकाऊ है.

    आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

    इस डील की सबसे बड़ी बात यह है कि अब भारत में 40 C-295 विमानों का निर्माण देश के भीतर होगा. इससे न केवल स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रक्षा क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. भारत के रक्षा क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन है, क्योंकि अब निजी क्षेत्र भी सैन्य विमानों के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभा रहा है.

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