न्यूयॉर्क: स्लोवाक राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति वार्ता केवल भारत, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे बड़े खिलाड़ियों देशों की मदद से ही प्राप्त की जा सकती है.
न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' के अवसर पर एएनआई से बात करते हुए पेलिग्रीनी ने कहा कि स्लोवाकिया की पूर्वी सीमाओं के पीछे चल रहे संघर्ष के बीच भारत भविष्य की शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जहां इसकी सीमा यूक्रेन के साथ लगती है.
रूस के बिना शांति शिखर सम्मेलन करना असंभव है
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यूक्रेन में शांति के लिए बातचीत केवल भारत, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि जैसे विश्व राजनीति के बड़े खिलाड़ियों की मदद से ही हो सकती है. संघर्ष के एक पक्ष, यानी रूस के बिना शांति शिखर सम्मेलन करना असंभव है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत भविष्य में इन शांति वार्ताओं में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है."
उन्होंने ऐसे समय में भविष्य के लिए समझौता अपनाने की भी सराहना की, जब विश्व भर में 56 संघर्ष चल रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र उनसे निपटने में सक्षम नहीं है.
मुझे लगता है कि इस समय दुनिया भर में 56 संघर्ष हैं
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस समय दुनिया भर में 56 संघर्ष हैं और संयुक्त राष्ट्र उन्हें संभालने में सक्षम नहीं है. इसलिए मुझे खुशी है कि कल भविष्य के लिए एक समझौते को बड़ी सर्वसम्मति से अपनाया गया. बेशक, 100 प्रतिशत देशों ने मतदान नहीं किया, लेकिन मुझे लगता है कि यह पहला संकेत था कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद अभी भी जीवित हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि स्लोवाकिया ने हमेशा शांति वार्ता की वकालत की है और उन्हें युद्ध तथा लोगों की हत्याओं को रोकने के लिए बातचीत की मेज पर बैठकर शांति वार्ता शुरू करने का भरसक प्रयास करना चाहिए.
स्लोवाकिया शुरू से ही शांति वार्ता का समर्थक रहा है
उन्होंने कहा, "स्लोवाकिया यूक्रेन का पड़ोसी है, जहां हमारी पूर्वी सीमाओं के पीछे युद्ध चल रहा है. हम अब युद्ध संघर्ष के बहुत करीब हैं. लेकिन स्लोवाकिया शुरू से ही शांति वार्ता का समर्थक रहा है. हमें युद्ध और लोगों की हत्या को रोकने के लिए शांति वार्ता शुरू करने के लिए बातचीत की मेज पर बैठने की पूरी कोशिश करनी होगी."
#WATCH | New York, US: Peter Pellegrini, President of Slovakia says, "I think the peace in Ukraine can be negotiated only with the help of such big players in the world politics like India, China, United States and so on. It is impossible to have peace summits without one part of… pic.twitter.com/yWE9WF7lLe
— ANI (@ANI) September 23, 2024
बाद में उन्होंने कहा कि शांति वार्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें इस पर सिर्फ बातचीत करने के बजाय कुछ करना शुरू करना होगा.
पेलिग्रिनी ने कहा, "अन्यथा, अगर हम युद्ध को जारी रखेंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह यूक्रेन है या इजरायल, तो हर सेकंड संघर्ष के दोनों पक्षों में कोई न कोई मारा जाएगा. इसलिए शांति वार्ता बहुत महत्वपूर्ण है. हमें इसके बारे में बात करने की ज़रूरत नहीं है; हमें इसके बारे में कुछ करना भी शुरू करना होगा."
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