भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को विवेकानंद रॉक मेमोरियल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान का विरोध करने के लिए INDIA गठबंधन पर निशाना साधा और कहा कि यह उनकी सनातन विरोधी मानसिकता को उजागर करता है.
INDIA गुट ने कहा कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है
पीएम मोदी 30 मई को ध्यान के लिए जाते हैं, जब मौजूदा लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण के लिए 1 जून को मतदान से पहले मौन अवधि शुरू होती है. INDIA गुट की पार्टियों ने पीएम के ध्यान का यह कहते हुए विरोध किया कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
पूनावाला ने एएनआई को बताया, "अगर कोई ध्यान के लिए जाना चाहता है, वह भी तब जब चुनाव प्रचार 30 मई को समाप्त हो, क्योंकि उस व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा ली है, तो कांग्रेस पार्टी इसे आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन बता रही है."
राहुल गांधी अक्सर ध्यान के लिए विदेश जाते हैं, उन्हें कोई नहीं रोकता
उन्होंने कहा, "ऐसा कांग्रेस के हिंदू विरोधी रवैये के कारण है. टीएमसी जैसी पार्टी भी स्वामी विवेकानंद का विरोध कर रही है. पहले उन्होंने राम मंदिर का विरोध किया, सनातन को डेंगू कहा और अब कांग्रेस और INDIA गठबंधन को किसी के ध्यान के लिए जाने से परेशानी है. लोगों का कहना है वह (राहुल गांधी) अक्सर ध्यान के लिए विदेश जाते हैं, वे वहां अपने आस्था के केंद्र पर जा सकते हैं और उन्हें कोई नहीं रोकता.''
कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग से संपर्क किया और कहा कि प्रधानमंत्री का कदम आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का "उल्लंघन" है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "हमने चुनाव आयोग से कहा कि 48 घंटे की मौन अवधि के दौरान किसी को भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए."
अगर मोदी के ध्यान का प्रसारण टेलीविजन हुआ तो चुनाव आयोग से शिकायत करेगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्यान का प्रसारण टेलीविजन पर किया गया तो तृणमूल कांग्रेस चुनाव आयोग से शिकायत करेगी और आरोप लगाया कि यह आचार संहिता का उल्लंघन होगा.
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, ध्यान के प्रसारण से एमसीसी का कोई उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि वह ऐसा कोई शब्द नहीं बोलेंगे जिसे चुनाव अभियान से जोड़ा जा सके.
एक कानूनी विशेषज्ञ ने कहा, "प्रधानमंत्री 2019 के चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ गुफा में इसी तरह के ध्यान अभ्यास पर गए थे और यह एमसीसी का उल्लंघन नहीं था."
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