लोकतंत्र में एक राष्ट्र, एक चुनाव नहीं चल सकता, केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे

    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नहीं चल सकता.

    In the Democracy one nation one election cannot be run president of the Congress Kharge
    लोकतंत्र में एक राष्ट्र, एक चुनाव नहीं चल सकता, केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे/Photo- Internet

    नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है. ये सिफारिशें पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व वाली एक हाईट पैनल समिति की रिपोर्ट में की गई थीं.

    राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. कैबिनेट ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी."

    पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होंगे- वैष्णव

    मंत्री ने कहा, "पहले चरण में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव होंगे और दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव (ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला पंचायत) और शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका और नगर पालिका समितियां या नगर निगम) होंगे."

    कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि वह 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के प्रस्ताव का विरोध करती है और लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए जब भी आवश्यक हो चुनाव कराना चाहिए.

    लोकतंत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नहीं चल सकता- खरगे

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' नहीं चल सकता. वह 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर सवालों का जवाब दे रहे थे.

    उन्होंने कहा, "हम इसके साथ खड़े नहीं हैं. एक राष्ट्र एक चुनाव लोकतंत्र में काम नहीं कर सकता. अगर हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र जीवित रहे तो जरूरत पड़ने पर चुनाव कराने होंगे."

    असदुद्दीन ओवैसी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विरोध किया

    ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि यह प्रस्ताव संघवाद को नष्ट कर देता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है.

    ओवेसी ने एक्स पर पोस्ट किया, "मैंने #OneNationOneElections का लगातार विरोध किया है क्योंकि यह समस्या की तलाश में एक समाधान है. यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है, जो संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है."

    कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह प्रस्ताव व्यावहारिक नहीं है. उन्होंने कहा, "यह इस देश में व्यावहारिक नहीं है. वे वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं."

    विपक्ष आंतरिक दबाव महसूस करना शुरू कर सकता है- वैष्णव

    खरगे की टिप्पणी पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों पर मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष आंतरिक दबाव महसूस करना शुरू कर सकता है.

    वैष्णव ने कहा, "विपक्ष (एक राष्ट्र एक चुनाव के बारे में) आंतरिक दबाव महसूस करना शुरू कर सकता है क्योंकि परामर्श प्रक्रिया के दौरान जवाब देने वाले 80 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने अपना सकारात्मक समर्थन दिया है, खासकर युवा, वे इसके पक्ष में हैं."

    साल की शुरुआत में राष्ट्रपति को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी

    पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में गठित एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति ने इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

    सरकार ने कहा कि 18,626 पृष्ठों वाली रिपोर्ट, 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है.

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