प्रयागराज में 'एक दिन, एक शिफ्ट में परीक्षा' की मांग को लेकर UPPSC एस्पिरेंट्स का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी

    उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाएं एक शिफ्ट में करने की मांग को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के सिलसिले में 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है.

    प्रयागराज में 'एक दिन, एक शिफ्ट में परीक्षा' की मांग को लेकर UPPSC एस्पिरेंट्स का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी
    प्रयागराज में एक शिफ्ट में यूपीपीएसी परीक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए छात्र | Photo- ANI

    प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाएं एक शिफ्ट में आयोजित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों (एस्पिरेंट्स) का विरोध प्रदर्शन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा.

    प्रयागराज उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग गेट नंबर-2 के बाहर छात्र नारेबाजी करते देखे गए. यूपी पुलिस के जवान और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) मौके पर मौजूद हैं.

    अभ्यर्थियों की मांग पहले की तरह परीक्षा एक शिफ्ट में हो

    अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि आगामी पीसीएस और आरओ/एआरओ परीक्षाएं एक शिफ्ट में आयोजित की जाएं, जैसा कि पहले किया गया था. उनका मानना ​​है कि इससे प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और अधिक बेहतर रहेगी.

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    विरोध-प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ को लेकर 12 लोगों पर FIR

    इस बीच, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की परीक्षाएं एक शिफ्ट में आयोजित करने की मांग को लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ के सिलसिले में 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

    अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात कुछ उपद्रवियों ने बैरियर तोड़ दिए और कोचिंग बोर्ड नष्ट कर दिए, जिसके बाद पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है.

    प्रयागराज के पुलिस उपायुक्त अभिषेक भारती ने कहा, "12 लोगों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है. कुछ लोगों को पुलिस हिरासत में भी लिया गया है."

    अधिकारियों को उन्हें समझाने की कोशिश नाकाम, कहा- जारी रखेंगे प्रदर्शन

    यूपीपीएससी के अधिकारियों ने नीतियों को समझाने और सुझाव मांगने के लिए विरोध स्थल का दौरा किया, प्रदर्शनकारियों को बेहतर विकल्प सुझाने के लिए प्रोत्साहित किया. सूत्रों के अनुसार, पिछली रात अधिकारियों के साथ असफल वार्ता के बाद, छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. वे बुधवार को बड़ी भीड़ की उम्मीद में और साथियों को बुला रहे हैं.

    बिस्कुट और अन्य सामान के साथ, उन्होंने अपनी चिंताओं के समाधान होने तक अपना शांतिपूर्ण विरोध जारी रखने की कसम खाई है. छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है.

    अखिलेश ने पूछा, क्या सरकार छात्रों पर बुलडोजर चलाएगी

    समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव ने चल रहे विरोध प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा.

    उन्होंने आंदोलन को "योगी बनाम प्रतियोगी छात्र" कहा और सवाल किया कि क्या सरकार अब बुलडोजर से छात्र आवासों को निशाना बनाएगी. यादव ने एक्स पर लिखा, "छात्रों का उत्थान भाजपा का पतन होगा. उन्होंने लाठी-डंडा चलाया, नौकरी नहीं, जिनका एजेंडा है."

    यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सांप्रदायिक राजनीति पर सरकार का ध्यान केंद्रित होने से नौकरियों जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटक गया है. उन्होंने कहा, "भाजपा के लोग लोगों को आजीविका के संघर्ष में उलझाए रखने के लिए राजनीति करते हैं, ताकि भाजपा के लोग सांप्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार में लिप्त रह सकें."

    यादव ने पद खाली होने और परीक्षाएं लटकी होने की बात कही

    उन्होंने यह भी बताया कि नौकरियों के पद खाली पड़े हैं और परीक्षाएं सालों से लंबित हैं, जिससे युवा निराश और नाराज हैं. यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने भी आंदोलन का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने का आह्वान किया है, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया का उदाहरण पेश किया है. लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है. सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और त्वरित समाधान निकालें.

    सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं बल्कि उनकी तैयारी में बीते. न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान किया जाए ताकि किसी भी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे."

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