कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में CM केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ाई

    सीबीआई की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने हिरासत 20 बढ़ाई है. जांच एजेंसी ने मामले में न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था.

    कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति मामले में CM केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ाई
    22 मई 2024 को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एडवोकेट जनरल कॉन्फ्रेंस के दौरान | Photo- ANI

    नई दिल्ली : राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. केजरीवाल को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया.

    विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) कावेरी बावेजा ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ा दी है. सीबीआई ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है.

    सीबीआई ने 29 जुलाई को दाखिल की थी चार्जशीट

    सीबीआई ने 29 जुलाई को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. उन्हें 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

    केजरीवाल को 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दी थी. इससे पहले उन्हें 20 जून को ट्रायल कोर्ट ने नियमित जमानत दी थी.

    इससे पहले उन्हें मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ सप्लिमेंट्री आरोपपत्र पर पहले ही संज्ञान ले लिया है. उन्हें निचली अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी.

    इस मामले में सिसोदिया, के कविता भी हुई हैं गिरफ्तार

    इसमें सीबीआई ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के. कविता और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत रद्द करने की अपनी याचिका पर विचार करने के लिए बुधवार को उच्च न्यायालय से कुछ समय के लिए स्थगन मांगा. अदालत ने जमानत रद्द करने के संभावित परिणामों के बारे में भ्रम व्यक्त किया, सवाल किया कि क्या इस तरह के कदम से केजरीवाल की फिर से गिरफ्तारी होगी और कहा, "मैं भ्रमित हूं. क्या आप उन्हें फिर से गिरफ्तार करने जा रहे हैं?"

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत रद्द करने से उनकी फिर से गिरफ्तारी होगी. अदालत की जांच का उद्देश्य जमानत रद्द करने के लिए ईडी की याचिका के निहितार्थ को स्पष्ट करना है.

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