संगरूर (पंजाब): किसानों ने शनिवार को केंद्र के खिलाफ 4 जनवरी को खनौरी धरना स्थल पर "किसान महापंचायत" का आह्वान किया. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के किसान नेताओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया. किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, "4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर लाखों किसान इकट्ठा होंगे और महापंचायत होगी, जैसा कि दोनों ही संगठनों के नेताओं ने तय किया है."
क्या बोले किसान नेता?
किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, "जगजीत सिंह देलेवाल ने हमसे कहा कि मैं उन सभी किसानों से मिलना चाहता हूं, जिनकी मैंने पिछले 44 सालों से सेवा की है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है, डॉक्टर कह रहे हैं कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति कभी भी नियंत्रण से बाहर हो सकती है."
कोहर ने एएनआई को बताया, "सरदार जगजीत सिंह दल्लेवाल 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत के दौरान किसानों को संबोधित करेंगे. दल्लेवाल जी ने सभी किसानों से खनौरी कैसन मोर्चा में इकट्ठा होने की अपील की है." इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर खनौरी किसान मोर्चा में अपनी भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं, जो अब अपने 33वें दिन में है.
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी चिंता
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कुछ किसान नेताओं द्वारा दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती होने से रोकने पर गंभीर चिंता जताई थी, जो 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की पीठ ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा, "कृपया उन्हें बताएं कि जो लोग दल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं."
अदालत ने पंजाब सरकार के इस तर्क पर भी असंतोष व्यक्त किया कि वह "असहाय और बोझिल" है क्योंकि अन्य प्रदर्शनकारी किसान दल्लेवाल के लिए चिकित्सा सहायता प्राप्त करने के उसके प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं. न्यायमूर्ति कांत ने कहा, "अगर राज्य मशीनरी कहती है कि आप असहाय हैं, तो क्या आप जानते हैं कि इसके क्या परिणाम होंगे?
ये भी पढ़ेंः 'कांग्रेस ने कभी मनमोहन सिंह का सम्मान नहीं किया', जेपी नड्डा ने विपक्ष पर लगाया आरोप