नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस पार्टी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन का 'राजनीतिकरण' करने और 'सस्ती राजनीति' करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने दिवंगत वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह के पद पर रहते हुए कभी उनका सम्मान नहीं किया.
क्या बोले जेपी नड्डा?
शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "यह वास्तव में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दुखद निधन पर भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कांग्रेस, जिसने डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवित रहते कभी सम्मान नहीं दिया, अब उनके सम्मान के नाम पर राजनीति कर रही है. यह वही कांग्रेस है जिसने सोनिया गांधी को पीएम मनमोहन सिंह से ऊपर सुपर पीएम बताकर प्रधानमंत्री पद की गरिमा को धूमिल किया.
लोकसभा में विपक्ष के नेता पर निशाना साधते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "राहुल गांधी ने अध्यादेश फाड़कर पीएम मनमोहन सिंह का अपमान किया और आज वही राहुल गांधी उनके निधन पर राजनीति कर रहे हैं." जेपी नड्डा ने डॉ. बीआर अंबेडकर, सरदार पटेल और अन्य का उदाहरण देते हुए देश के अन्य प्रमुख नेताओं के प्रति सम्मान नहीं दिखाने के लिए गांधी परिवार की आलोचना की.
अन्य नेताओं का भी दिया उदाहरण
नड्डा ने बताया कि पीएम मोदी सरकार ने 2015 में पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के लिए एक स्मारक स्थापित किया था, जबकि सोनिया गांधी ने पहले इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था और 2020 में डॉ. प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कांग्रेस द्वारा दिखाए गए सम्मान की कमी को उजागर किया.
नड्डा ने कहा, "गांधी परिवार ने देश के किसी भी बड़े नेता को न तो सम्मान दिया और न ही उनके साथ न्याय किया. चाहे कांग्रेस पार्टी हो या विपक्ष, चाहे बाबा साहब अंबेडकर हों, देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र बाबू हों, सरदार पटेल हों, लाल बहादुर शास्त्री हों, पीवी नरसिम्हा राव हों, प्रणब दा हों, अटल बिहारी वाजपेयी हों."
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पीएम मनमोहन सिंह की समाधि के लिए जगह दी है और परिवार को भी सूचित किया है. फिर भी कांग्रेस झूठी खबरें फैला रही है. कांग्रेस के इतिहास को याद रखना जरूरी है. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की मृत्यु के बाद दिल्ली के राजघाट परिसर में समाधि स्थल बनाने की मांग की गई थी, लेकिन उस समय सोनिया गांधी ने इसे खारिज कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही 2015 में उनके लिए एक स्मारक की स्थापना की थी. जब पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ प्रणब मुखर्जी का 2020 में निधन हुआ, तो कांग्रेस कार्यसमिति ने शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई."
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