PM Kusum Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार अब किसानों को एक बड़ा तोहफा देने जा रही है. इस बार सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सोलर पंप उपलब्ध कराने की योजना बनाई है, जिससे उनका कृषि कार्य सस्ता और सशक्त बनेगा. इस योजना के तहत सरकार 90 प्रतिशत तक अनुदान देने का प्रस्ताव लेकर आई है, जिससे किसानों को सिर्फ 10 प्रतिशत मूल्य चुकाना होगा. इससे न सिर्फ किसानों को बिजली और डीजल की खपत में कमी होगी, बल्कि पर्यावरण को भी राहत मिलेगी.
सोलर पंप का वित्तीय लाभ
इस योजना में खास बात यह है कि प्रदेश सरकार सोलर पंप की कुल लागत का 90 प्रतिशत खर्च खुद उठाएगी, जबकि बड़े किसानों को 20 प्रतिशत लागत चुकानी होगी. अभी तक सोलर पंप पर 60 प्रतिशत अनुदान मिलता था, जिसे अब बढ़ाने की तैयारी है. यह योजना प्रदेश के लगभग 238.22 लाख किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है, खासतौर पर उन लघु एवं सीमांत किसानों के लिए जो महंगे बिजली और डीजल की कीमतों से जूझ रहे हैं.
किसानों को खुद करनी होगी बोरिंग
इस योजना के तहत किसानों को अपनी खेतों में बोरिंग खुद करानी होगी. इसके बाद, सोलर पंप, मोटर और सोलर पैनल वेंडर कंपनी से निर्धारित मूल्य पर लगवाए जाएंगे. उदाहरण के लिए, दो हार्स पावर के सोलर पंप पर करीब 1.80 लाख रुपये का खर्च आएगा, जबकि पांच हार्स पावर के पंप पर लगभग 4.80 लाख रुपये का खर्चा होगा.
45 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य
प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत 2025-26 के लिए 45 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा है. पीएम कुसुम योजना के तहत पहले ही 79,516 सोलर पंप लगवाए जा चुके हैं. प्रदेश में सिंचाई का 70 प्रतिशत काम भूजल से होता है, और इस योजना के जरिए सरकार सिंचाई की प्रक्रिया को और सस्ता और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है.
पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण जरूरी
किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करवा सकते हैं. पंजीकरण की अंतिम तिथि के बाद, पंजीकरण के आधार पर सोलर पंपों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ या लाटरी सिस्टम के जरिए किया जाएगा. इसके लिए जिला और प्रदेश स्तर पर चयन कमेटी भी बनाई जाएगी.
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