जयपुर (राजस्थान) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे "बटेंगे तो कटेंगे" (बंटेंगे तो हम नष्ट हो जाएंगे) के समर्थन में आगे आते हुए, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंगलवार को कहा कि यह बयान एक के रूप में सच है. उंगली कमजोर है लेकिन मुट्ठी मजबूत है.
जगद्गुरु ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही संप्रदाय अलग-अलग हों, लेकिन सभी हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए.
रामभद्राचार्य ने कहा- हमें बंटना नहीं, चाहे पंथ अनेक हों
"यह सच है. हमें बंटना नहीं है. 'चाहे पंथ अनेक हों, हम सब हिंदू एक हों'. कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा."
उन्होंने कहा, "एक उंगली कमज़ोर होती है लेकिन मुट्ठी मज़बूत होती है."
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में बोलते हुए 'बटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया था. उसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक हैं तो सुरक्षित है' का नारा दिया.
खरगे के 'साधुओं' वाले बयान पर कहा- क्या गुंडो का राजनीति करनी चाहिए
इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के 'साधुओं' वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने कहा कि भगवाधारियों को राजनीति करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "कहां लिखा है? क्या गुंडों को राजनीति करनी चाहिए? क्या आवारा लोगों को राजनीति करनी चाहिए? भगवाधारियों को राजनीति करनी चाहिए. भगवा भगवान का ही एक रंग है. शिवाजी ने वही भगवा झंडा फहराया और पूरे देश और महाराष्ट्र को एक किया. भगवाधारियों को करना चाहिए राजनीति. सूटेड-बूटेड को भारत में राजनीति नहीं करनी चाहिए."
खरगे ने कहा था- कई नेता साधुओं के वेश में राजनेता बन गए हैं
रविवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बिना उन पर कटाक्ष किया और कहा कई नेता साधुओं के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं और कुछ तो मुख्यमंत्री भी बन गए हैं.
संविधान बचाओ सम्मेलन में बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने आदित्यनाथ की हालिया 'बटोगे तो कटोगे' (यदि) टिप्पणी की भी आलोचना की. उन्होंने हिंदू एकता का आह्वान करते हुए नारा लगाया कि, "हम बांटेंगे, हम कट जाएंगे", और उन पर (योगी) नफरत फैलाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, "कई नेता साधुओं के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं. कुछ तो मुख्यमंत्री भी बन गए हैं. वे 'गेरुआ' कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं...मैं भाजपा से कहूंगा कि फिर तो सफेद कपड़े पहनें."
अगर आप संन्यासी हैं और गेरुआ कपड़े पहनते हैं, तो राजनीति से बाहर निकल जाइए. एक तरफ आप गेरुआ कपड़े पहनते हैं और दूसरी तरफ आप कहते हैं कि बंटोगे तो कटोगे...वे लोगों में नफरत फैला रहे हैं खरगे ने कहा, "आप लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं..."
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