नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मिलाद-उन-नबी के अवसर पर शुभकामनाएं दीं. एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, "ईद मुबारक! मिलाद-उन-नबी के अवसर पर शुभकामनाएं. सद्भाव और एकजुटता हमेशा बनी रहे. चारों ओर खुशी और समृद्धि हो."
इस अवसर पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद ने समानता पर आधारित मानव समाज का एक उदाहरण स्थापित किया था.
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पैगंबर मोहम्मद ने समानता आधारित समाज की बात की थी : राष्ट्रपति मुर्मू
राष्ट्रपति ने कहा, "पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन मिलाद-उल-नबी के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों, विशेषकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को बधाई देता हूं. पैगंबर मोहम्मद (स.) ने समानता पर आधारित मानव समाज का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया है. उन्होंने धैर्य के साथ सत्य के मार्ग पर चलने की भी शिक्षा दी है. इस अवसर पर, आइए हम सभी उनके उपदेशों को व्यावहारिक जीवन में लागू करने का संकल्प लें और देश के विकास के लिए सक्रिय रहें."
किरेन रिजुजू ने कहा- यह दिन खुशी, प्रेम और एकजुटता का
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजुजू ने भी इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, "सभी को मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएं! यह दिन खुशी, प्रेम और एकजुटता की नई भावना से भरा हो."
खरगे ने कहा- यह पावन अवसर शांति, करुणा, सद्भाव को बढ़ाए
इस अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "सभी को ईद मिलाद-उन-नबी मुबारक. यह पावन अवसर हमारे जीवन में शांति, करुणा और समृद्धि लाए और सभी के बीच एकता, सौहार्द, दया और सद्भाव को बढ़ावा दे."
मिलाद-उन-नबी, जिसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या मौलिद के नाम से भी जाना जाता है, पैगंबर मोहम्मद (SAW) की जयंती का प्रतीक है. पैगंबर का जन्मदिन 12 रबी उल अव्वल को मनाया जाता है, जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार तीसरा महीना है.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दी हार्दिक बधाई
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई."
इस वर्ष, उत्सव 15 सितंबर, 2024 रविवार की शाम को शुरू हुआ और 16 सितंबर, 2024 सोमवार की शाम को समाप्त होगा. ईद मिलाद-उन-नबी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पैगंबर के जीवन, उनकी शिक्षाओं, कष्टों और उनके चरित्र का जश्न मनाना है, क्योंकि उन्होंने अपने दुश्मनों को भी माफ कर दिया था. पैगंबर की जयंती आम तौर पर उत्सव के बजाय पालन द्वारा मनाई जाती है, जिसमें उत्सव कम से कम रखा जाता है.
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