भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों से चल रही सैन्य झड़पों के बाद आखिरकार संघर्ष विराम की घोषणा हो गई है. हालांकि सीमा पर सन्नाटा है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अब इस पूरे घटनाक्रम पर जवाबदेही और चर्चा की मांग तेज़ हो गई है. कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सर्वदलीय बैठक बुलाने और संसद का विशेष सत्र आयोजित करने की मांग की है, ताकि देश इस संकट से एकजुट होकर निपटे और आगे की रणनीति पर साझा दृष्टिकोण सामने आए.
जयराम रमेश ने की मांग
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, “अमेरिकी मध्यस्थता से हुए इस संघर्ष विराम के बाद अब पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है कि प्रधानमंत्री देश की सभी राजनीतिक ताकतों को विश्वास में लें.” उन्होंने इस मांग के साथ यह भी जोड़ा कि पिछले 18 दिनों की घटनाओं—विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर—पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए.
वाशिंगटन डीसी से आई अभूतपूर्व घोषणाओं के संदर्भ में अब यह राष्ट्रीय आवश्यकता बन गई है कि:
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 10, 2025
1. प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करें और देश के राजनीतिक दलों को विश्वास में लें, ताकि इस संकट की घड़ी में राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
2. संसद का एक विशेष…
विक्रम मिसरी ने की युद्धविराम की पुष्टि
इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संघर्ष विराम की पुष्टि करते हुए बताया कि भारतीय और पाकिस्तानी डीजीएमओ के बीच शनिवार दोपहर को बातचीत हुई, जिसमें तय हुआ कि शाम 5 बजे से दोनों देश सभी सैन्य कार्रवाई, गोलीबारी और हवाई हमले रोक देंगे. उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 12 मई को दोबारा डीजीएमओ स्तर पर समीक्षा बैठक की जाएगी.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह दावा किया कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान पूर्ण युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं.
राजनयिक वार्ता और अंतरराष्ट्रीय भूमिका
इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से अलग-अलग बातचीत की थी. अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में अमेरिका ने निर्णायक भूमिका निभाई.
ज्ञात हो कि 7 मई को भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कार्रवाई की गई थी. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाने का प्रयास किया, जिससे हालात और बिगड़ गए थे. भारतीय सेना ने पाकिस्तान के अटैक का मुंहतोड़ जवाब दिया.
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