अगरतला (त्रिपुरा): त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने रविवार को बांग्लादेश में मौजूदा सरकार की आलोचना की और कहा कि वहां की स्थिति अच्छी नहीं है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी पर कुछ भी थोपा नहीं जाना चाहिए.
एएनआई से बात करते हुए सीएम साहा ने कहा, "बांग्लादेश में हालात अच्छे नहीं हैं. वहां सरकार कैसे काम कर रही है? इन दिनों सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर जो खबरें हमें मिल रही हैं, दिख रही हैं, वह बिल्कुल भी सही नहीं हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहे हैं. किसी पर कुछ भी जबरदस्ती नहीं थोपी जानी चाहिए."
शेख हसीना के समय कई आतंकवादी जो जेल में थे
सीएम साहा ने भी चिंता व्यक्त की और बताया कि बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधान मंत्री रहते हुए कई आतंकवादी जो जेल में बंद थे, वे स्वतंत्र हैं और त्रिपुरा की सीमाएँ देश के साथ लगती हैं.
साहा ने कहा, "फिर जो आतंकवादी शेख हसीना सरकार के दौरान जेल में बंद थे, वे अब आज़ाद हैं. अब वे कहाँ हैं? हम उनके ठिकाने को लेकर चिंतित हैं. खासकर जब त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ अपनी सीमाएँ साझा करता है तो यह एक चिंताजनक मामला है. उन्हें यह जाँचना होगा कि ये आतंकवादी अब कहाँ हैं और उनकी गतिविधि क्या है. ऐसा नहीं होना चाहिए, कट्टरपंथियों का मतलब यह नहीं है कि आप वही करेंगे जो आपका मन करेगा. मैं कहना चाहता हूं कि वहां की मौजूदा सरकार को अल्पसंख्यकों का ख्याल रखना होगा."
भारत के बिना बांग्लादेश का अस्तित्व संभव नहीं है
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा, "भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है. अंततः भारत के बिना बांग्लादेश का अस्तित्व संभव नहीं है. इसलिए उन्हें भी इस बारे में सोचना होगा. उनकी जीडीपी पहले कैसे बढ़ी और कैसे नीचे आ रही है. किसी देश को इस तरह नहीं चलाना चाहिए, ठीक है?"
इससे पहले भारतीय मुस्लिम छात्र संगठन के अध्यक्ष शुजात अली क़ादरी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा करने में अंतरिम सरकार की अक्षमता पर चिंता व्यक्त की और कहा कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की रक्षा करने में विफल रही है.
अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल
एएनआई से बात करते हुए, क़ादरी ने कहा, "मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं और अहमदिया, सूफी, बरेलवी और यहां तक कि ईसाइयों जैसे अन्य संप्रदायों की रक्षा करने में विफल रही है."
उन्होंने कहा, "हमने खबरों में देखा है कि कई मंदिरों को नष्ट कर दिया गया है. हिंदुओं और सूफी बरेलवी नेताओं की लक्षित हत्या की गई है. इसलिए, मुझे लगता है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है."
बांग्लादेश में स्थिति अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा से चिह्नित है, जिसमें पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद मंदिरों को नष्ट कर दिया गया है. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समूहों की सुरक्षा के बारे में चिंतित है.