केंद्रीय बजट 2024-25 : 25 हजार गांवों में मौसम के अनुकूल सड़कें, गया में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर

    बिहार में राजगीर और नालंदा के लिए एक व्यापक विकास पहल की जाएगी. ओडिशा में प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, शिल्पकला, वन्यजीव अभयारण्य और प्राचीन समुद्र तट को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

    केंद्रीय बजट 2024-25 : 25 हजार गांवों में मौसम के अनुकूल सड़कें, गया में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर कॉरिडोर
    केंद्रीय बजट 2024-25 : 25 हजार गांवों में मौसम के अनुकूल सड़कें- फोटोः ANI/Sansad TV

    नई दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया. उन्होंने गांव में सड़कों के विकास लिए बजट में नये प्रावधान की जानकारी दी. सीतारमण ने कहा "25,000 ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के अनुकूल सड़कें प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण 4 का शुभारंभ किया जाएगा."

    वित्तमंत्री ने ढांचागत विकास के लिए तमाम कदमों की घोषणा की.

    काशी विश्वानाथ की तर्ज पर गया में कॉरिडोर, राजगीर, नालंदा के लिए भी घोषणाएं

    केंद्रीय सीतारमण ने कहा, "पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है. भारत को वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयासों से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे और अन्य क्षेत्रों में भी अवसर खुलेंगे. मैं प्रस्ताव करती हूं कि गया में विष्णुपथ मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है. हम वहां सफल काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर कॉरिडोर विकसित करेंगे ताकि उन्हें विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जा सके. बिहार में राजगीर और नालंदा के लिए एक व्यापक विकास पहल की जाएगी. हम ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिसमें प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, शिल्पकला, प्राकृतिक नजारें, वन्यजीव अभयारण्य और प्राचीन समुद्र तट का विकास शामिल होगा."

    बिहार और असम में बाढ़ के लिए 11 हजार 500 करोड़ का प्रावधान

    बिहार में अक्सर बाढ़ आती रहती है. नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के निर्माण की योजना अभी तक आगे नहीं बढ़ पाई है. हमारी सरकार 11,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.

    असम, जो हर साल बाढ़ से जूझता है, को बाढ़ प्रबंधन और संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता मिलेगी. बाढ़ के कारण व्यापक नुकसान झेलने वाले हिमाचल प्रदेश को भी बहुपक्षीय सहायता के माध्यम से पुनर्निर्माण के लिए समर्थन मिलेगा. इसके अतिरिक्त, उत्तराखंड, जिसे भूस्खलन और बादल फटने से काफी नुकसान हुआ है, को आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी..."

    वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा, "दिवालियापन एवं दिवालियापन संहिता के तहत परिणामों में सुधार के लिए एकीकृत प्रौद्योगिकी मंच स्थापित किया जाएगा. ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को मजबूत किया जाएगा और वसूली में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित किए जाएंगे."

    इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11 लाख करोड़ की व्यवस्था, यह GDP का 3.4% होगा

    उन्होंने कहा, "मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण निवेश किए गए हैं. बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय के लिए 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं. यह हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 3.4% होगा... निजी क्षेत्र द्वारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण और सक्षम नीतियों के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा..."

    बिहार में नये हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज खेल ढांचा विकसित करेंगे

    बिहार में नए हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा. बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाहरी सहायता के लिए बिहार सरकार के अनुरोधों पर शीघ्रता से काम किया जाएगा.

    "हमारी सरकार पोलावरम सिंचाई परियोजना के शीघ्र पूरा होने और वित्तपोषण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जो आंध्र प्रदेश और उसके किसानों के लिए जीवन रेखा है."

    वहीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पेश किए जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा पहुंचे. विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी संसद पहुंचे हैं.

    इससे पहले संसद पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पेश होने वाले बजट को लेकर कहा, "कहने को कहते हैं कि 5वीं अर्थव्यवस्था है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर देश में बेरोजगार हों तो इसका क्या फायदा. 10 साल में कोई उम्मीद नहीं रही इस साल भी कोई उम्मीद नहीं रहेगी."

    अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये 

    केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में अगले पांच वर्षों में लगभग 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार सृजन का प्रस्ताव रखा.
    इसके लिए वित्त मंत्री ने 2 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है.

    इसी तरह, नागरिकों को कौशल प्रदान करने के लिए ताकि रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकें, उन्होंने 1.48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा. पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान किया जाएगा.

    उन्होंने घोषणा की कि कुल 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत किया जाएगा.

    पहली बार नौकरी में आने वालों को एकमुश्च वेतन, 500 कंपनियों में इंटर्नशिप

    उन्होंने अपने भाषण में प्रस्ताव रखा कि सभी क्षेत्रों में पहली बार काम करने वाले सभी कर्मचारियों को एकमुश्त वेतन प्रदान किया जाएगा.

    पहली बार नौकरी करने वालों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से प्रोत्साहन दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पांच साल में एक करोड़ युवाओं को 500 कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी.

    उन्होंने कहा कि प्रशिक्षुओं को वास्तविक जीवन के माहौल से रूबरू कराया जाएगा और उन्हें 5000 रुपये प्रति माह का भत्ता दिया जाएगा. कंपनियां प्रशिक्षण और प्रशिक्षण लागत का 10 प्रतिशत सीएसआर फंड से वहन करेंगी. सीतारमण ने कहा कि रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग इस बजट के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से हैं.

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