जब तक 'सरकारी' चुनावी मशीनरी का गलत इस्तेमाल बंद नहीं होता, BSP नहीं लड़ेगी उपचुनाव : मायावती

    बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के दौरान सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल "गलत वोट" डालने के लिए किया गया.

    जब तक 'सरकारी' चुनावी मशीनरी का गलत इस्तेमाल बंद नहीं होता, BSP नहीं लड़ेगी उपचुनाव : मायावती
    9 अक्टूबर को दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान बसपा प्रमुख मायावती, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश में उपचुनाव और महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों के नतीजों की घोषणा के बाद, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी अब से देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी, जब तक कि यह सुनिश्चित नहीं हो जाता कि चुनाव आयोग ने इन चुनावों में "सरकारी" मशीनरी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं.

    बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के दौरान सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल "गलत वोट" डालने के लिए किया गया.

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    बीएसपी चीफ ईवीएम गलत इस्तेमाल की बात कही 

    यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को मायावती ने कहा, "यूपी विधानसभा में 9 सीटों पर हुए उपचुनावों में, जो वोट डाले गए और कल जो नतीजे आए, उससे आम जनता में यह चर्चा आम है कि पहले गलत वोट डालने के लिए सत्ता का दुरुपयोग बैलेट पेपर के जरिए किया जाता था, लेकिन अब ईवीएम में भी ऐसा ही किया जा रहा है, जो लोकतंत्र में दुखद है."

    उन्होंने कहा, "उपचुनावों में यह सब खुलेआम हो रहा है. उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में हमने बहुत कुछ देखा है. महाराष्ट्र के चुनाव नतीजों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. यह देश के लिए चिंताजनक स्थिति है. ऐसे में हमारी पार्टी ने फैसला किया है कि जब तक देश का चुनाव आयोग इस स्थिति को रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाता, तब तक हमारी पार्टी कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी."

    लोकसभा चुनाव, विधानसभा और बाकी चुनाव लड़ने की बात कही

    हालांकि, मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी देशभर में होने वाले सभी आम लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम चुनाव लड़ेगी.

    उन्होंने कहा कि "इन चुनावों में सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि सत्ता परिवर्तन की संभावना रहती है."

    उन्होंने कहा, "आम चुनावों में स्थिति अलग होती है, क्योंकि सत्ता परिवर्तन की संभावना रहती है और इसलिए सरकारी मशीनरी जनता को डराती या दबाव नहीं डालती. इसलिए हमने फैसला किया है कि हमारी पार्टी देशभर में होने वाले लोकसभा, विधानसभा और नगर निगम चुनाव लड़ेगी."

    कहा- 2007 में हमारी सरकार से कांग्रेस, भाजपा डरी हुई थीं

    उन्होंने दावा किया कि 2007 में जब उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने सरकार बनाई थी, तब कांग्रेस और भाजपा उससे डरी हुई थीं.

    मायावती ने कहा, "2007 में जब बसपा ने उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, तब कांग्रेस और बसपा जैसी अन्य पार्टियां डरी हुई थीं कि हम लोकसभा में सरकार बना सकते थे और बाबा अंबेडकर साहब और कांशीराम के सपनों को पूरा कर सकते थे. इसलिए, इन जातिवादी पार्टियों, कांग्रेस, भाजपा और उसके साथियों ने दलितों और पिछड़ों की अलग पार्टियां बनाईं. उन्होंने उन्हें चुनाव में हिस्सा लेने के लिए धन दिया... यह सब आम चर्चा में है... लेकिन, हमारी पार्टी, बसपा अपने सारे खर्च खुद उठाती है..."

    विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए गए. उत्तर प्रदेश में, भाजपा ने छह विधानसभा उपचुनाव की सीटें जीती और उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (राजद) ने एक सीट, जबकि समाजवादी पार्टी नौ में से सिर्फ़ दो सीटें जीत पाई.

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