लालू यादव के करीबी माने जाने वाले आरजेडी विधायक रीतलाल यादव और उनके छोटे भाई ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. इसके बाद उन्हें 14 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है. उन पर बिल्डर से रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप है. रीतलाल यादव के साथ दो और लोग भी सरेंडर करने पहुंचे थे. सभी ने दानापुर के व्यवहार न्यायालय के एसीजीएम 5 कोर्ट में आत्मसमर्पण किया.
वकील का कहना – बिल्डर ने लगाया झूठा आरोप
रीतलाल यादव के वकील के मुताबिक, उन पर रंगदारी मांगने का आरोप एक बिल्डर ने झूठा लगाया था. वकील का कहना है कि जब पुलिस को इस मामले में रीतलाल यादव की तलाश का पता चला, तो उन्होंने और उनके साथियों ने स्वेच्छा से कोर्ट में समर्पण कर दिया. वकील ने यह भी बताया कि वे जल्द ही जमानत याचिका दायर करेंगे, क्योंकि यह मामला पूरी तरह से झूठा है.
क्या थे आरोप?
रीतलाल यादव और उनके साथियों पर फर्जी दस्तावेज़ बनाने, रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप हैं. पुलिस ने 11 अप्रैल को इस मामले से जुड़ी 11 जगहों पर छापेमारी की और वहां से करीब 10.5 लाख रुपये, 77.5 लाख रुपये के खाली चेक, जमीन हड़पने के 14 दस्तावेज़ और समझौते, 17 चेकबुक, 5 स्टांप, 6 पेन ड्राइव और वॉकी-टॉकी जब्त किए.
कौन हैं रीतलाल यादव?
रीतलाल यादव पटना जिले के कोथवा गांव के रहने वाले हैं और फिलहाल वे दानापुर विधानसभा से आरजेडी के विधायक हैं. वे लालू यादव के बहुत करीबी माने जाते हैं. साल 2016 में जब वे जेल में थे, तब उन्हें एमएलसी (सदस्य विधान परिषद) चुना गया था. इसके अलावा, रीतलाल यादव पर भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या और रेलवे ठेकेदार की हत्या के आरोप भी लग चुके हैं.
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