नई दिल्लीः कोई भी कार खरीदारी करने से पहले एक सवाल मन में जरूर आता है कि आखिर इस कार को सेफ्टी में कितने स्टार्स या फिर रेटिंग मिली है. उसी पर निर्भर करता है कि यह कार परिवार की सुरक्षा के लिए कितनी सुरक्षित है. इसका प्रसोस यह है कि आप सेल्समैन से पूछते हैं और वो आपको रेटिंग के बारे में जानकारी देता है. इस भरोसे पर भले ही हम कार खरीद लेते हैं. लेकिन एक शंका फिर भी यही लगी रहती है कि जैसा सेल्समैन ने बताया वैसा ही हो. लेकिन अब आपको ऐसा नहीं करना पड़ेगा. क्योंकी Bharat NCAP आपके लिए एक ऐसा QR लेकर आया है. जिससे आपको यह सारी डिटेल एक ही स्कैन में मिल जाएगी. कैसे ? आइए जानते हैं.
Bharat NCAP introduces safety rating stickers
Bharat NCAP की ओर से कारों के सेफ्टी रेटिंग के लिए एक रास्ता निकाला है. जिसके तहत रेटिंग स्टीकर्स की पेशकश की गई है. यह शुरूआत शुक्रवार को की गई. यानी अब कार की बिल्डक्वालिटी और हादसे के दौरान कार कितनी सुरक्षित है? इसका पता सिर्फ जुबानी सेल्समैन से नहीं पता चलेगी. इसका एक सर्टिफिकेट मिलेगा. यानी रेटिंग 0 से 5 स्टार रेटिंग दी जाएगी. अब जितनी अधिक रेटिंग होगी उतनी सुरक्षित आपकी कार भी होगी.
“Demand safety first! 🚗🔍Introducing the Bharat NCAP display sticker with a QR code for Safety rated vehicles for instant access to vehicle safety ratings. Empower yourself with the knowledge to choose safer vehicles.”#BharatNCAP #SafetyFirst #DemandSafety #BNCAP pic.twitter.com/oFr8mPMvCt
— Bharat NCAP (@bncapofficial) August 30, 2024
अब तक इन कारों में मिली सेफ्टी रेटिंग
आपको बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इस सुविधा की शुरुआत 2023 में की गई थी. Bharat NCAP कारों की सुरक्षा जांच कर उसे सेफ्टी रेटिंग देता है. वहीं अभी तक की जांच के बाद Tata Safari, Tata Harrier, Tata Nexon EV और Tata Punch EV को 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है.
इस रेटिंग को चेक करने के लिए आपको कंपनी की ओर से QR कोड स्टीकर दिया जाएगा. जिसे स्कैन करने के बाद इसकी सेफ्टी और रेटिंग की जानकारी का पता लगाया जा सकता है. स्कैन के बाद कार का मॉडल, किस कंपनी की कार है, टेस्ट की डेट और रेटिंग का पता चलेगा. Bharat NCAP जांच के दौरान ये चेक करती है कि कंपनी ने एयरबैग, एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम समेत जिन सेफ्टी फीचर्स को कार में दिया है उन्होंने ठीक से काम किया या नहीं। बता दें क्रैश टेस्ट में कार को अलग-अलग एंगल, स्पीड पर टक्कर मारकर देखा जाता है. जिसके आधार पर हादसे में वह बच्चों, बड़ों, फ्रंट या रियर सीट पर बैठने वालों के लिए कितनी सुरक्षित है इसकी रिपोर्ट बनाई जाती है.
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