ऑस्ट्रेलिया ने बनाया बैटरी से चलने वाला सबसे बड़ा जहाज, एक साथ हजारों लोग करेंगे सफर, जानें खासियत

    सिडनी में 2 मई को लॉन्च हुआ Hull 096 — एक पूर्ण रूप से बैटरी-चालित, विशाल जहाज, जो न केवल आकार में बल्कि क्षमता और पर्यावरणीय प्रभाव के लिहाज़ से भी दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक समुद्री वाहन बन गया है.

    Australia built the largest battery-powered ship
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- Internet

    सिडनी: पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता और तकनीकी नवाचार का शानदार मेल पेश करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. सिडनी में 2 मई को लॉन्च हुआ Hull 096 — एक पूर्ण रूप से बैटरी-चालित, विशाल जहाज, जो न केवल आकार में बल्कि क्षमता और पर्यावरणीय प्रभाव के लिहाज़ से भी दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक समुद्री वाहन बन गया है.

    यह अत्याधुनिक जहाज ऑस्ट्रेलियाई शिपबिल्डर Incât द्वारा निर्मित है और दक्षिण अमेरिकी फेरी सेवा प्रदाता Buquebus के लिए बनाया गया है. यह एल्यूमीनियम से बना कटमरैन एक बार में 2,100 यात्रियों और 225 वाहनों को लेकर ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) और उरुग्वे के बीच स्थित रिवर प्लेट को पार करेगा.

    तकनीक जो भविष्य बदल सकती है

    Hull 096 महज एक जहाज नहीं है — यह समुद्री परिवहन में एक हरित क्रांति की शुरुआत है. 130 मीटर (426 फीट) लंबे इस जहाज में 250 टन से अधिक वजनी बैटरी लगाई गई है, जो इसे 40 मेगावाट घंटे से अधिक की ऊर्जा क्षमता प्रदान करती है. इस ऊर्जा प्रणाली को फिनलैंड की प्रसिद्ध कंपनी Wärtsilä ने डिज़ाइन किया है, जो जहाज को आठ इलेक्ट्रिक वाटरजेट्स के माध्यम से गति देती है.

    यह प्रणाली न केवल जहाज को भारी भार उठाने में सक्षम बनाती है, बल्कि इसे उच्च दक्षता और शून्य उत्सर्जन के साथ संचालित करती है.

    समुद्री प्रदूषण पर वार

    संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, समुद्री परिवहन वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 3% योगदान देता है. Hull 096 जैसे प्रयास यह साबित करते हैं कि पारंपरिक जहाजों की जगह अब बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वैकल्पिक प्रणालियाँ इस्तेमाल की जा सकती हैं.

    Incât के CEO स्टीफन केसी ने इस मौके पर कहा, “हमने यह दिखा दिया है कि क्लीन एनर्जी पर आधारित समुद्री परिवहन सिर्फ विचार नहीं, बल्कि व्यवहार में लाया जा सकने वाला यथार्थ है. Hull 096 इसका प्रमाण है.”

    भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम

    Hull 096 का निर्माण यह दर्शाता है कि जलवायु संकट से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी और नीति दोनों का तालमेल ज़रूरी है. भले ही पर्यावरण विशेषज्ञ अभी भी समुद्री प्रदूषण को लेकर सतर्कता और अधिक प्रयासों की मांग कर रहे हैं, यह प्रोजेक्ट वैश्विक स्तर पर हरित बदलाव की एक सशक्त पहल मानी जा रही है.

    जहां अन्य देश अब भी बैटरी से चलने वाले समुद्री जहाजों की अवधारणा पर शोध कर रहे हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने इसे एक वास्तविकता के रूप में पेश कर दिया है.

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