दिल्ली में MCD का चुनाव लड़ने से आतिशी का इनकार, जानिए बड़ी वजह

    दिल्ली की राजनीति में एक अहम मोड़ आया है. आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव से किनारा करने का फैसला किया है.

    Atishi refuses to contest MCD elections in Delhi
    आतिशी | Photo: ANI

    दिल्ली की राजनीति में एक अहम मोड़ आया है. आम आदमी पार्टी ने मेयर चुनाव से किनारा करने का फैसला किया है. दिल्ली में आगामी 25 अप्रैल को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से पहले ही आम आदमी पार्टी ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और साफ किया है कि वो इस बार इन पदों के लिए उम्मीदवार नहीं उतारेगी.

    पूर्व शिक्षा मंत्री और पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी का बहुमत है, ऐसे में AAP पार्टी विपक्ष की भूमिका में रहकर जनता की आवाज उठाएगी. 

    सौरभ भारद्वाज ने भी इस फैसले की पुष्टि की

    प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने भी इस फैसले की पुष्टि की और कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी के पास मेयर बनाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है. उन्होंने कहा कि 2022 में जब आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला था, तब उसने पूरे ज़िम्मेदारी के साथ निगम का कार्यभार संभाला, लेकिन मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए चुनाव न लड़ने का निर्णय पार्टी की रणनीतिक प्राथमिकताओं का हिस्सा है.

    बीजेपी ने दी प्रतिक्रिया

    बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी यह जान चुकी है कि अब वह नगर निगम में बहुमत में नहीं रही. उन्होंने यह भी संकेत दिए कि भविष्य में आप और कांग्रेस के बीच कोई रणनीतिक गठबंधन संभव हो सकता है, हालांकि अभी तक दोनों दलों की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है.

    दिल्ली नगर निगम में पिछले तीन वर्षों से आम आदमी पार्टी सत्ता में थी. पहले दो वर्षों तक शैली ओबेरॉय और अली मोहम्मद इकबाल ने मेयर और डिप्टी मेयर की जिम्मेदारी निभाई, जबकि वर्तमान में महेश कुमार खींची निगम के मेयर हैं.

    एमसीडी चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 21 अप्रैल थी, और ठीक इसी दिन आप ने चुनाव से बाहर रहने का ऐलान कर राजनीतिक हलकों में चर्चा को तेज कर दिया है. अब 25 अप्रैल को होने वाले मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में सभी की निगाहें बीजेपी के उम्मीदवार और उनकी नीतियों पर टिकी रहेंगी.

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