गोरखपुर: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम योगी की तारीफ की. बोले- वैसे तो योगी की दृष्टि पैनी है, लेकिन मेरे मामले में गिद्ध जैसी है. मेरी पढ़ाई के बारे में इन्होंने इतना बड़ा होमवर्क कर लिया, जितना मेरे ससुर ने भी नहीं किया.
जगदीप धनखड़ ने कहा- उत्तर प्रदेश 2017 से पहले डर की चपेट में था और आम आदमी परेशान था. शनिवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 176 करोड़ की लागत से तैयार सैनिक स्कूल का इनॉगरेशन किया. इस दौरान सीएम योगी भी मौजूद रहे.
योगी और धनखड़ ने पिस्टल से निशान साधा
सीएम योगी और धनखड़ ने सैनिक स्कूल की शूटिंग रेंज में पिस्टल से निशान साधा. दोनों ने कई राउंड निशाना लगाया. स्कूल में रखी मशीनगन और हाईटेक हथियारों को सीएम योगी ने उठाकर देखा. योगी ने बताया कि देश का पहला सैनिक स्कूल 1960 में लखनऊ में स्थापित किया गया था.
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar inaugurated Shooting Range at Sainik School Gorakhpur in Uttar Pradesh today. #SainikSchool @myogiadityanath pic.twitter.com/oS6JYgEmh1
— Vice-President of India (@VPIndia) September 7, 2024
1961 में 5 और सैनिक स्कूल स्थापित किए गए. इन्हीं पांच में चित्तौड़गढ़ का भी स्कूल था, जिसमें उपराष्ट्रपति धनखड़ जी ने पढ़ाई की. योगी ने कहा- मैं देख रहा था कि उपराष्ट्रपति ने स्कूल की एक-एक सुविधाओं को बारीकी से देखा.
जब वह स्कूल के मुख्य भवन का उद्घाटन करने गए तो ऐसा लगा जैसे वे स्वयं सीनियर छात्र के रूप में छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हों, ये सब भावनात्मक क्षण था. योगी के इसी बयान पर धनखड़ ने कहा कि योगी की नजर मेरे मामले में गिद्ध जैसी रही.
2017 से पहले यूपी डर की चपेट में था
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, "2017 से पहले देश का सबसे बड़ा प्रदेश डर की चपेट में था. शासन शिथिल हो गया था. आम आदमी परेशान था. कानून नजर नहीं आता था. आपने पहचान बदलकर ख्याति प्राप्त की है. तब भारत की स्थिति क्या थी? मैं मंत्री था. मैंने तो खुद देखा है. सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश का सोना हवाई जहाज से स्विटजरलैंड के दो बैंकों में गिरवी रखा गया."
पूर्वांचल के पहले सैन्य स्कूल का ढांचा अद्भुत
धनखड़ ने कहा, "मैं सैन्य स्कूल में पला-पढ़ा हूं. पूर्वांचल का पहला सैन्य स्कूल, जिसका ढांचा अद्भुत है. मेरा जन्म ग्राम पिठाना में हुआ, पर मेरा असली जन्म चित्तौड़गढ़ के सैन्य स्कूल में हुआ."
तीन दशक पहले 1994 की वसंत पंचमी और मां सरस्वती के जन्म दिवस पर गोरखपुर में एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जिसका असर इस प्रांत पर पड़ रहा. उस दिन महंत अवैद्यनाथ जी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तराधिकारी घोषित किया था.
इस पावन दिवस के बाद दो दशक तक आपके मुख्यमंत्री योगी ने लोकसभा में आपकी आवाज को बुलंद किया. अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उसी भूमिका को निभा रहे हैं.
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