नई दिल्ली : iPhone बनाने Apple ने भारत समेत 91 अन्य देशों में यूजर्स के लिए नए नोटिफिकेशन कई चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें पेगासस मैलवेयर जैसे किसी 'भाड़े के स्पाइवेयर' से सावधान किया गया है, जिसने हाल के दिनों में महत्वपूर्ण विवाद को जन्म दिया है.
भारत में यूजर्स को लिए ये नए अलर्ट, मालिकों को उनकी गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के संभावित खतरों के बारे में चेतावनी का हिस्सा है.
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भारत के नेताओं को एप्पल ने भोजा था नोटिफिकेशन
अक्टूबर 2023 में, Apple ने देश के विभिन्न दलों के राजनीतिक नेताओं को एक जैसा नोटिफिकेशन भेजा था, जिसमें कांग्रेस के शशि थरूर, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा शामिल थीं. अलर्ट में उनके आईफ़ोन को निशाना बनाने वाले "संभावित स्टेट स्पॉन्सर्ड (राज्य-प्रायोजित) स्पाइवेयर हमले" की चेतावनी दी गई थी.
2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने इजरायली फर्म एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट 2022 में जांच के दौरान कुछ मोबाइल में पाया था मैलवेयर
अगस्त 2022 में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने निष्कर्ष निकाला कि उसके द्वारा जांचे गए 29 मोबाइल फोन में स्पाइवेयर नहीं पाया गया, लेकिन पांच मोबाइल फोन में मैलवेयर पाया गया था.
ऐप्पल ने नोट किया कि नागरिक समाज संगठनों, प्रौद्योगिकी फर्मों और पत्रकारों द्वारा सार्वजनिक रिपोर्टिंग और शोध के दौरान असाधारण और जटिलता वाला हमला हो सकता है, जिनमें एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित पेगासस जैसे भाड़े के स्पाइवेयर के साथ काम करने वाली निजी कंपनियां भी शामिल हैं.
इसमें कहा गया है, हालांकि बहुत कम संख्या में व्यक्तियों - अक्सर पत्रकारों, कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और राजनयिकों - के खिलाफ इन भाड़े के स्पाइवेयर को हमले के लिए तैयार किया गया जो कि वैश्विक स्तर पर जारी है.
एप्पल ने कहा- 150 देशों के यूजर्स को दी जानकारी
2021 के बाद से, Apple ने कहा कि उसने इन हमलों का पता लगाने के बाद साल में कई बार खतरे की सूचनाएं भेजी हैं, और आज तक कंपनी ने कुल मिलाकर 150 से अधिक देशों में यूजर्स को इसकी जानकारी दी है.
इसमें कहा गया है, "भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की काफी ज्यादा लागत, मोडिफाइड व विश्वव्यापी प्रकृति का होने से उन्हें आज सबसे एडवांस डिजिटल खतरों में से एक बनाती हैं. परिणामस्वरूप, ऐप्पल हमलों या इसके खतरनाक नतीजों की सूचनाओं के लिए किसी खास हमलावर या भौगोलिक क्षेत्रों को जिम्मेदार नहीं ठहराता है."
Apple ने अपने यूजर्स को अपने उपकरणों को ताजा सुरक्षा पैच के साथ अपडेट करने और संदिग्ध लिंक या संदेशों के साथ बातचीत के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है.