Delhi News: दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और उसे पुनर्जीवित करने के प्रयासों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में दोनों सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सी.आर. पाटिल, साथ ही दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश वर्मा भी मौजूद रहे. बैठक का मुख्य उद्देश्य यमुना नदी की सफाई और उसके पुनरुद्धार के लिए समन्वित प्रयासों पर चर्चा करना था, जिससे दिल्ली का पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य बेहतर हो सके.
यमुना पुनरुद्धार के लिए 45-सूत्रीय कार्य योजना
इस बैठक के दौरान, दिल्ली जल बोर्ड द्वारा शुरू की गई 45-सूत्रीय कार्य योजना की भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अगुवाई में शुरू हुई यह योजना राजधानी के जल बुनियादी ढांचे में सुधार, सीवरेज नेटवर्क की मरम्मत, टैंकर सेवाओं में पारदर्शिता लाने और यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए डिज़ाइन की गई है. योजना का बजट 9,000 करोड़ रुपये रखा गया है, और उम्मीद जताई जा रही है कि यह कार्य अगले साल तक पूरा हो जाएगा.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिल्लीवासियों को स्वच्छ जल उपलब्ध कराना और यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त करना है. इसके अलावा, दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना इस परियोजना की कड़ी निगरानी कर रहे हैं, ताकि योजना को सही दिशा में लागू किया जा सके.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और जल प्रवाह के लिए अभियान
दिल्ली सरकार इस कार्य योजना के अंतर्गत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने और यमुना में जल प्रवाह को बहाल करने के लिए अलग-अलग अभियान चला रही है. इन अभियानों को केंद्र सरकार की निगरानी में चलाया जाएगा, ताकि इनकी कार्यप्रणाली सुनिश्चित हो सके.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सर्वेक्षण
केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार ने यमुना नदी की सफाई के लिए तत्काल सहयोग करना शुरू कर दिया है. इस प्रक्रिया में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) सक्रिय रूप से शामिल है. सीपीसीबी ने दिल्ली के कुल 360 छोटे-बड़े नालों का सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है और विशेष रूप से नदी में गिरने वाले 22 बड़े नालों का ड्रोन सर्वेक्षण किया जाएगा. इसके अलावा, 67 स्थानों की पहचान की गई है, जहां नदी के प्रदूषण की निगरानी की जाएगी.
अगस्त तक होगा सर्वेक्षण और रिपोर्ट
सीपीसीबी इस सर्वेक्षण को जुलाई तक पूरा करने की योजना बना रहा है और इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली जल बोर्ड को सौंपी जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे.
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