प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) : जैसे-जैसे महाकुंभ मेला 2025 की तैयारी नजदीक आ रही है, वैसे ही सुरक्षा उपायों को और बढ़ाया जा रहा है. महाकुंभ मेला मैदान में सुरक्षा बढ़ाने के लिए पेट्रोलिंग पुलिस (घुड़सवार पुलिस) द्वारा 1.5 करोड़ रुपये के घोड़े तैनात किए गए हैं. कुल पांच अमेरिकन वार्मब्लड (नस्ल) के घोड़े लाए गए हैं, क्योंकि वे दूर से ही खतरे को भांपने और त्वरित सुरक्षात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपनी खासियत के लिए जाने हैं.
हालांकि इन घोड़ों की कीमत 1.5 करोड़ रुपये है, लेकिन महाकुंभ मेले के लिए उन्हें 7 लाख रुपये प्रति घोड़े की कीमत पर खरीदा गया है. इन घोड़ों को राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर खरीदा है.
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कीमत करोड़ों लेकिन भारत ने सस्ते में खरीदा है
घुड़सवार पुलिस के रिजर्व इंस्पेक्टर प्रेम बाबू ने बताया, "इन घोड़ों को राज्य और केंद्र सरकार के बीच आपसी बातचीत के बाद सेना की ओर से लाया गया है...ये घोड़े अमेरिकन वार्मब्लड (नस्ल) के हैं...इन घोड़ों की गर्दन में एक माइक्रोचिप लगी है जो भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) से जुड़ी है. इससे घोड़ों की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय इन घोड़ों की कीमत तय करता है...यहां इन पांच घोड़ों को 7-7 लाख रुपये में खरीदा गया है..."
गौरतलब है कि घोड़े एडवांस ट्रैकिंग तकनीक से लैस हैं, माइक्रोचिप की मदद से अधिकारी घोड़ों की वंशावली का पता लगा सकते हैं. चिप को स्कैन करके अधिकारी घोड़ों की सात पीढ़ियों तक के रिकॉर्ड तक पहुंच सकते हैं, जिसमें उनका जन्मस्थान, जन्म वर्ष और यहां तक कि पिता का नाम भी शामिल है. घोड़ों की पृष्ठभूमि की जानकारी भी उनके शरीर पर उकेरी गई है: आगे के पैर पर उनका जन्मस्थान और वर्ष लिखा है, जबकि पीछे की जांघ पर पिता का नाम लिखा है.
मेले में किला घाट से ऊंट की सवारी का भी मजा
इस बीच, मेले का एक और आकर्षण किला घाट से संगम नोज तक चलने वाली ऊंट की सवारी है. राजस्थान के जैसलमेर से लाए गए इन ऊंटों के नाम उनके मालिकों ने आकर्षक ढंग से रखे हैं, जिनमें रामू, घनश्याम और राधेश्याम जैसे नाम विजिटर्स के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं.
महाकुंभ 12 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है और इस आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ के दौरान, श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर एकत्रित होंगे, ऐसा माना जाता है कि इससे पापों का नाश होता है और मोक्ष (मुक्ति) मिलता है.
महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा. कुंभ के मुख्य स्नान अनुष्ठान (शाही स्नान) 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को होंगे.
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