दुनिया में कई लोगों के अजीब-अजीब शौक होते हैं, लेकिन अमेरिका के टिम फ्रीडे का जुनून सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. जहां आम लोग सांप देखते ही डरकर भागते हैं, वहीं टिम ने खुद को 200 बार जहरीले सांपों से कटवाया है. उनका मकसद? दुनिया का पहला यूनिवर्सल एंटीवेनम बनाना, जो किसी भी सांप के जहर को बेअसर कर सके.
पहली बार कोबरा से कटवाया, मौत के मुंह से लौटे
टिम ने साल 2001 में पहली बार खुद को कोबरा से कटवाया था. उन्होंने बताया कि जब कोबरा का जहर शरीर में फैलता है, तो ऐसा लगता है जैसे हजारों मधुमक्खियों ने एक साथ डंक मार दिया हो. इस दौरान उनकी हालत इतनी खराब हुई कि वह ICU में पहुंच गए और चार दिनों तक कोमा में रहे. मगर, टिम ने हार नहीं मानी. उनका कहना है, "सांप मुझे मारना चाहते हैं, मैं जिंदा रहना चाहता हूं. अगर मैं उनके जहर को हरा सकता हूं, तो मेरा खून दुनिया के लिए दवा बन सकता है.
खून से बना 'सुपर एंटीवेनम', WHO के आंकड़े बदल सकते हैं
टिम के इसी जुनून को देखते हुए बायोटेक कंपनी सेंटिवैक्स के CEO जैकब ग्लैनविल ने उनके साथ मिलकर काम किया. टिम के खून में मौजूद एंटीबॉडीज से वैज्ञानिकों ने एक ऐसा यूनिवर्सल एंटीवेनम तैयार किया, जो 13 प्रकार के सांपों के जहर को पूरी तरह और 6 अन्य के जहर को आंशिक रूप से खत्म कर सकता है. यह शोध जर्नल 'सेल' में प्रकाशित हुआ है. WHO के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में लाखों लोग सांप के काटने से मर जाते हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं. अगर यह एंटीवेनम सफल होता है, तो यह मेडिकल साइंस में बड़ी क्रांति ला सकता है.
बचपन से ही सांपों का शौक, जुनून बना मिशन
टिम का यह सफर आसान नहीं था. अमेरिका के विस्कॉन्सिन के जंगलों में पले-बढ़े टिम को बचपन से ही सांप पकड़ने का शौक था. धीरे-धीरे यह शौक एक मिशन में बदल गया। वह कोबरा, ब्लैक मांबा, ताइपन और क्रैट जैसे खतरनाक सांपों को पकड़ने लगे. हर बार सांप के काटने पर उनका शरीर जहर के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित करता गया.
क्या है भविष्य की योजना?
अब वैज्ञानिकों की टीम इस एंटीवेनम को और भी प्रभावी बनाने पर काम कर रही है. अगर यह सफल होता है, तो दुनियाभर में सांप के काटने से होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकेगा.