नई दिल्ली: भारत द्वारा हाल में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख प्रशिक्षण केंद्रों को निष्क्रिय कर दिया गया है. इस सैन्य अभियान की सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि रही पंजाब प्रांत के बहावलपुर में स्थित 'मरकज सुभानल्लाह' ठिकाने का खात्मा, जिसे आतंकवादी गतिविधियों की योजना और प्रशिक्षण का प्रमुख केंद्र माना जाता था.
वर्तमान में यह स्थान गूगल मैप्स पर “Permanently Closed” के रूप में दर्ज है, एक ऐसा दृश्य संकेत जो इस बात की पुष्टि करता है कि यह अड्डा अब संचालन में नहीं है.
बहावलपुर: आतंकी संगठन का रणनीतिक गढ़
'मरकज सुभानल्लाह' नामक यह परिसर, जो एक धार्मिक संस्थान के मुखौटे में संचालित होता था, जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक ऑपरेशनल nerve center था.
यह स्थान पाकिस्तान सेना के 31वीं कोर मुख्यालय से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित था, जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह गतिविधियां राज्य प्रायोजित निगरानी से बाहर नहीं थीं.
पूर्व हमलों से जुड़ा रहा है यह ठिकाना
इस ठिकाने से संचालित योजनाओं में भारत के खिलाफ कई प्रमुख आतंकी हमले शामिल रहे हैं, जैसे:
इन घटनाओं ने भारत-पाक संबंधों को लंबे समय तक प्रभावित किया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाया.
खुफिया जानकारी की पुष्टि
विश्वसनीय सूत्रों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स (जैसे Reuters) के अनुसार, हमले से पहले इस परिसर को काफी हद तक खाली करा लिया गया था. हालांकि, यह भी रिपोर्ट किया गया कि मसूद अजहर के परिजन उस समय परिसर में मौजूद थे. जैश-ए-मोहम्मद द्वारा जारी एक बयान में दावा किया गया कि मारे गए 13 लोगों में से 10 उसके रिश्तेदार थे.
यह इंगित करता है कि ऑपरेशन की समय-संवेदनशीलता और खुफिया सटीकता दोनों उच्च स्तर की थीं.
ऑपरेशन का विस्तार: बहावलपुर से परे
ऑपरेशन सिंदूर केवल जैश-ए-मोहम्मद तक सीमित नहीं था. इसके तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय अन्य आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को भी लक्ष्य बनाया गया.
इस अभियान में आधुनिक प्रिसिशन स्ट्राइक तकनीकों का इस्तेमाल हुआ, जिससे सैन्य और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लेकिन नागरिक आबादी से दूर अड्डों को ही निशाना बनाया गया.
'Permanently Closed' की अहमियत
गूगल मैप्स पर किसी स्थान को “Permanently Closed” घोषित करने की प्रक्रिया एक सामान्य तकनीकी बदलाव नहीं होती. इसमें यूजर रिपोर्ट्स, ऑन-ग्राउंड अपडेट्स और गूगल के एल्गोरिदम शामिल होते हैं. ऐसे संवेदनशील स्थानों पर यह अपडेट, इस बात का डिजिटल प्रमाण है कि यह स्थान अब संचालन योग्य नहीं रहा.
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