AAP नेता आतिशी का आरोप, चुनाव आयोग ने पार्टी के लोकसभा प्रचार गाने पर गलत प्रतिबंध लगाया

    आप नेता आतिशी चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार गाने पर गलत तरीके से प्रतिबंध लगाया है.

    AAP नेता आतिशी का आरोप, चुनाव आयोग ने पार्टी के लोकसभा प्रचार गाने पर गलत प्रतिबंध लगाया
    AAP leader Atishi/ Social Media

    नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक एवं दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) तथाकथित शराब नीति मामले घोटाले में ईडी (ED) की कस्टडी में है. अब आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी (Atishi) ने रविवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग (Election Commission) ने पार्टी के प्रचार गाने 'जेल का जवाब वोट से' पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि इसमें सत्तारूढ़ पार्टी और एजेंसियों को दिखाया गया है. 


    राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आतिशी ने कहा, ''तानाशाही सरकार में ऐसा होता है कि विपक्ष को जेल में डाल दिया जाता है और चुनाव प्रचार करने से भी रोका जाता है. आज भारत के चुनाव आयोग ने AAP के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार गाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. भारत के इतिहास में पहली बार चुनाव आयोग ने किसी पार्टी के प्रचार गाने पर प्रतिबंध लगाया गया होगा. यह वही चुनाव आयोग है जिसे यह नहीं दिखता कि देश की सत्ताधारी पार्टी हर दिन आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करती है."

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    आतिशी सिंह ने चुनाव आयोग पर लगाया आरोप 

    आतिशी सिंह ने आगे कहा "जब BJP एमसीसी के दौरान विपक्षी नेताओं को जेल में डालने के लिए ED और CBI का इस्तेमाल करती है, तो चुनाव आयोग को उस पर कोई आपत्ति नहीं होती है. लेकिन जब AAP उस बात को गाने में लिखती है, तो उस पर बहुत आपत्ति होती है." 

    2024 के चुनाव में ECE तटस्थ नहीं 

    आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बताया कि AAP के प्रचार गीत में कहीं भी BJP का नाम नहीं है, लेकिन ECE का कहना है कि यदि आप 'तानाशाही' के बारे में बात करते हैं तो यह सत्तारूढ़ दल की आलोचना है. उन्होंने कहा, "मैं ECE को याद दिलाना चाहूंगी कि आप टीएन शेषन के उत्तराधिकारी हैं, जिन्हें इतने सालों के बाद भी याद किया जाता है क्योंकि उन्होंने भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए और लोकतंत्र को एन नई उंचाई तक ले गए. मैं कहना चाहता हूं कि कुछ वर्षों के बाद, 2024 के चुनावों को याद नहीं किया जाना चाहिए जब भारत का लोकतंत्र समाप्त हो गया, यह वह चुनाव था जिसमें ECE तटस्थ नहीं था”

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