नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि उनकी प्राथमिकता युवाओं को रोजगार मुहैया कराना होगी, उन्होंने दिल्ली में बेरोजगारी खत्म करने का भरोसा दिया.
केजरीवाल ने कहा, "अगले 5 सालों में मेरी प्राथमिकता जितना संभव हो सकेगा अधिक से अधिक रोजगार मुहैया कराना होगी. हमारी टीम पहले से ही योजना पर काम कर रही है और मुझे उम्मीद है कि 5 साल के भीतर हम दिल्ली में बेरोजगारी को खत्म कर देंगे."
पिछले 10 साल की सरकार पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में उनकी सरकार ने आम लोगों के जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने का हर संभव प्रयास किया है. उन्होंने कहा, "हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर काम किया है. हालांकि, मुझे दुख है कि हमारे बच्चे शिक्षित होने के बावजूद नौकरी की तलाश में घर बैठे हैं. अक्सर ये बच्चे गलत संगत में पड़ जाते हैं और अपराध में शामिल हो जाते हैं, जिससे उन्हें वापस लाना मुश्किल हो जाता है."
"आज बेरोजगारी के कारण परिवार सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. इसलिए, मैंने फैसला किया है कि अगले 5 सालों में हमारी प्राथमिकता रोजगार उपलब्ध कराना होगी. हम शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, मेट्रो, सड़क आदि क्षेत्रों में काम करना जारी रखेंगे, लेकिन हमारा मुख्य फोकस दिल्ली में बेरोजगारी को खत्म करना होगा. मेरी टीम बच्चों को नौकरी कैसे मिले, इसकी योजना बनाने पर काम कर रही है."
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केजरीवाल ने कहा- हमारी टीम इस पर काम कर रही
उन्होंने कहा कि आप के पास बहुत अच्छी टीम है और उन्होंने अपनी टीम को दिल्ली से बेरोजगारी को खत्म करने की योजना बनाने का काम सौंपा है.
आप विधायक ने कहा, "हमारे पास बहुत अच्छी टीम है- आतिशी, मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, जैस्मीन शाह, राघव चड्ढा, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन, सौरभ भारद्वाज- ये सभी शिक्षित और कमिटेड लोग हैं. मैंने उन्हें यह पता लगाने का काम सौंपा है कि दिल्ली में बेरोजगारी कैसे खत्म की जाए. हम इस योजना पर काम कर रहे हैं."
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक ही चरण में होंगे और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी.
दिल्ली में 699 उम्मीदवार उतरे हैं मैदान में
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवार मैदान में हैं. दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वह कोई भी सीट जीतने में नाकाम रही है.
इसके विपरीत, आप ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में कुल 70 सीटों में से क्रमशः 67 और 62 सीटें जीतकर अपना दबदबा बनाया, जबकि भाजपा को इन चुनावों में केवल तीन और आठ सीटें मिलीं.
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